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Sunday, May 14, 2017

इनफर्टिलिटी क्या‍ होती है? इनफर्टिलिटी का इलाज

इनफर्टिलिटी एक बहुत गंभीर समस्‍या है। जिसके कारण बहुत से कपल्‍स की गोद सूनी ही रह जाती है। आज की भागम भाग वाली जिंदगी तथा खराब किस्‍म के खान पान के चलते इनफर्टिलिटी की समस्‍या आम बात हो गई है।

इनफर्टिलिटी के कारण शादी शुदा जोड़े गर्भ धारण नहीं कर पाते हैं। यदि इस समस्‍या के चलते किसी महिला को गर्भ धारण हो भी जाए तो गर्भपात होने की संभावना ज्‍यादा रहती है। इसके साथ ही जीवित बच्‍चों को जन्‍म न दे पाना भी इनफर्टिलिटी के अंतर्गत ही आता है।

इनफर्टिलिटी पुरूष व महिलाओं दोनों को ही होती है :

लोगों में भ्रांति है कि इनफर्टिलिटी सिर्फ महिलाओं में ही होती है। जबकि ऐसा बिल्‍कुल भी नहीं है। इनफर्टिलिटी की दशा में जहां महिलाओं में अंडों नहीं बनते हैं, वहीं पुरूषों में स्‍पर्म की कमी होती है।
यदि जोड़े में से किसी एक को भी इनफर्टिलिटी की समस्‍या है, तो उन्‍हें संतान का सुख नहीं मिल सकता है।

इनफर्टिलिटी को कैसे पहचाना जा सकता है?

इनफर्टिलिटी को लक्षणों के आधार पर पहचाना नहीं जा सकता है। इसके लिए आपको जांचें करवाने की आवश्‍यक्‍ता होगी। महिलाओं में गर्भाशय से संबंधित समस्‍याएं जैसे फॉलोपियन टयूब्‍स का बंद होना, एंडोमेट्रियोसिस तथा फाइब्राइडस आदि का पता आधुनिक जांचों से ही चलता है।

इसके अलावा पुरूषों के स्‍पर्म की जांच की जाती है। जिससे पता चलता है कि पुरूष संतान को जन्‍म देने में सक्षम है या नहीं।
इनफर्टिलिटी का पता लगाने के लिए महिलाओं का अल्‍ट्रासाउंड तथा खून की जांच की जाती है। जबकि पुरूषों का सी मेन चेक किया जाता है।

इनफर्टिलिटी के शिकार जोड़े आई वी एफ के जरिए संतान का सुख पा सकते हैं :

जो जोड़े इनफर्टिलिटी के शिकार हैं। उन्‍हें निराश होने की जरूरत नहीं है। ऐसे जोड़े आई वी एफ के जरिए संतान का सुख पा सकते हैं।
भारत में कुछ अच्‍छे अस्‍पताल मौजूद हैं जहां विश्‍वस्‍तरीय आई वी एफ के द्धारा चिकित्‍सा की जा रही है।
आई वी एफ की चिकित्‍सा में करीब 70 प्रतिशत केस दवाईयों से ही ठीक हो जाते हैं। 30 प्रतिशत केस में आई वी एफ कराना आवश्‍यक होता है।

हालांकि आई वी एफ के केस में सफलता का प्रतिशत सौ में से सिर्फ 30 प्रतिशत ही होता है। लेकिन निसंतान जोड़ों को एक बार यह जरूर ट्राई करना चाहिए।
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Sunday, July 17, 2016

सिरदर्द एक गंभीर किस्‍म की बीमारी है, इसे अनदेखा मत कीजिए।


सिरदर्द और सिर के अन्‍य रोग

सिरदर्द एक बहुत गंभीर बीमारी है। आज तेज रफतार और भागमभाग वाली जिंदगी के कारण इस रोग का बड़ी तेजी से प्रसार हो रहा है। यदि समय रहते इस समस्या पर ध्‍यान न दिया जाए, तो सिर दर्द का यह सामान्य रोग गंभीर किस्म की बीमारी की शक्‍ल ले सकता है। इसलिए आज आपको बताने जा रही हूं कि यदि सिरदर्द का अनुभव हो रहा हो तो कैसे इससे बचा जा सकता है। लेकिन आप इन नुस्खों को अजमाने से पहले किसी रजिस्‍टर्ड चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।
सिर में होने वाले सामान्य सिरदर्द के उपचार हेतू घरेलू नुस्खे :

1* सामान्य सिरदर्द होने पर आप थोड़े से गुड़ को पानी में घोल लीजिए और फिर इसे छान कर पी लीजिए। आपको आराम मिलेगा।

2* सुबह सवेरे खाली पेट जलेबियां दूध में डालकर खाने से भी सिरदर्द ठीक हो जाता है।

3* यदि सिरदर्द सर्दी-जुकाम की वजह से हो रहा है, तो आप मिश्री और साबुत धनिया का काढ़ा बना कर पी सकते हैं। आपको आराम मिलेगा।

4* लहसुन की 4 – 5 कलियों को पीस कर एक से दो ग्राम नमक के साथ खाना खाने के बाद खाएं। ऐसा करने से सिरदर्द में काफी आराम मिलता है।

5* आप एक कप दूध में पिसी इलायची मिला कर पिएं, आपको आराम मिलेगा।


6* यदि गैस के कारण सिरदर्द है तो गर्म पानी में नीबू निचोड़ कर पीने से सिरदर्द में काफी राहत मिलती है।

7* आप लौकी का गूदा निकाल कर बिल्‍कुल महीन पीस लीजिए। फिर इस गूदे का माथे पर लेप कीजिए। यह नुस्खा गर्मी से पैदा हुए सिरदर्द में अजमाया जा सकता है।

8* तुलसी के पत्‍तो को पीस कर लेप करने से भी सामान्‍य सिरदर्द में आराम मिलता है।

9* दालचीनी को पीस कर माथे पर लेप करने से भी आराम मिलता है।

10* सुबह एकदम खाली पेट सेब पर नमक लगा कर खाने से भी सिरदर्द में बहुत आराम मिलता है।

11* तेज गर्मी की वजह से होन वाले सिरदर्द में हरा धनिया पीस कर लगाने से काफी लाभ मिलता है।


एक्जीमा के कारण होने वाला सिरदर्द :


1* आप परवल और नीम की पत्तियों को हल्दी के साथ पीस कर उसका लेप लगाएं। इससे एक्जीमा के कारण होने वाले सिरदर्द में लाभ मिलेगा।

2* आप सिर के बाल उतरवा कर नीम की पत्तियों या नीम की छाल का क्वाथ बना कर सिर धोइए। ऐसा करने से सिर का एक्जीमा ठीक हो जाता है।

3* नीम की पत्तियां और हल्‍दी पीस कर सिर में लेप करने से भी एक्जीमा में आराम मिलता है।

4* अपामार्ग की राख को तिल के तेल में मिला कर सिर पर लेप करना फाएदेमंद होता है।

5* आप मेंहदी की पत्तियों को पीस कर सिर में मोटा लेप कीजिए। फिर इस लेप को 10 से 12 घंटे बाद धो लीजिए। इसके बाद आप नारियल की जटा की राख तिल के तेल में मिलाकर लगाने से लाभ और अधिक बढ़ जाता है।

6* आप तिल के सूखे पत्तों की राख तिल के तेल में मिला कर लगाएं। आपका एक्जीमा के कारण होने वाला सिरदर्द एक दम ठीक हो जाएगा।


माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द :


1* आप सूरज के उगने से पहले नारियल और गुड़ के साथ छोटे चने के आकार का कपूर लेकर 3 – 4 दिन तक खाएं इससे माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।

2* आप चावल, दही और मिश्री को मिलाकर सूरज उगने से पहले खाइए। इससे सूर्योदय के साथ साथ बढ़ने वाले दर्द में बहुत आराम मिलता है।

3* गाय का शुद्ध ताज़ा घी सुबह शाम 2 – 2 बूंद नाक में डालने से भी माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है।


4* आप दिन में 2 बार दही और चावल का सेवन कीजिए। इससे बहुत आराम मिलेगा।

5* आप लौंग को पीस कर हल्का गर्म कर लीजिए और सिर पर लेप कीजिए। इससे भी बहुत आराम मिलता है।

6* केसर को घी में पीसकर सूंघने से माइग्रेन का दर्द गायब हो जाता है।

7* बड़ी इलायची का छिलका बारीक पीस कर हल्का गर्म कीजिए और फिर सिर पर लेप कर लीजिए। इससे आराम मिलेगा।

(समाप्त)
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Wednesday, June 24, 2015

दिल के मरीजो के लिए बहुत अच्‍छा लेख।


अपने दिल का ऐसे रखें ख्‍याल


हमारे शरीर में एक ही दिल होता है। इसलिए हमें इसका बहुत ख्‍याल रखना चाहिए। दिल की बीमारियां बहुत ही घातक होती हैं। लो ब्‍लड प्रेशर, हाई ब्‍लड प्रेशर, दिल की कमजोरी, धड़कन तेज होना या धीमा होना, दिल में दर्द, हार्ट अटैक आदि ऐसी बीमारियां हैं। जो किसी भी व्‍यक्ति हो सकती हैं। इन बीमारियों से रोगी अकाल मृत्‍यू का शिकार भी हो सकता है। तमाम चिकित्‍सा पद्धितियों में दिल की बीमारियों के अच्‍छे इलाज मौजूद हैं, जो बहुत ही कारगर हैं। पर यदि हम शुरू से ही दिल को लेकर संवेदनशील रहें, तो इसकी अच्‍छी देखभाल कर सकते हैं और इन बीमारियों के चंगुल में आने से भी बच सकते हैं। मैं आपको आपके किचन में मौजूद कुछ नुस्‍खे बताने जा रही हूं, जिनकी सहायता से आप अपने दिल का ख्‍याल अच्‍छी तरह रख सकते हैं। पर इन नुस्‍खों को अजमाने से पहले किसी रजिस्‍टर्ड वैध अथवा डॉक्‍टर से राय अवश्‍य ले लें।


दिल की कमजोरी ऐसे दूर करें :


(1) आप रोज एक चम्‍मच शुद्ध शहद का सेवन करें, इससे दिल मजबूत होता है।

(2) आप आंवला और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर चूर्णं बनाएं। फिर इस चूर्णं को 5 ग्राम की मात्रा में लेकर रोज खाएं। ऐसा करने से दिल के बहुत से रोग दूर हो जाते हैं।

(3) अगर का चूर्णं शहद के साथ मिलाकर खाने से दिल की कमजोरी दूर होती है।

(4) गिलोय और काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर चूर्णं बनाएं और फिर 3-4 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार खाएं। इससे दिल की कमजोरी दूर होती है।

(5) अर्जुन की छाल का चूर्णं 10 ग्राम, गुड़ 10 ग्राम तथा 500 मिली. दूध को एक साथ मिलाकर पकाएं। फिर इसमें गुड़ मिलाकर पीने से दिल की कमजोरी दूर होती है।

(6) गुड़ व देशी घी मिलाकर खाने से भी दिल को ताकत मिलती है।


दिल का दर्द :


(1) अनार के 10 मिली. रस में 10 ग्राम मिश्री डालकर, रोज सुबह पीने से दिल की जकड़न और दर्द दूर हो जाता है।

(2) यदि छाती के बाईं ओर दर्द उठता है और सांस लेने में दिक्‍कत महसूस होती है। साथ ही पसीना भी आता है, तो आप दूध में लहसुन पकाकर पीएं। कुछ दिन लहसुन पका दूध पीने से यह शिकायत दूर हो सकती है।

(3) आप लौकी को उबालकर, उसमें नमक, धनिया, हल्‍दी, जीरा और हरा धनिया डालकर पकाएं। यदि आप इसका सेवन करेंगें तो बहुत लाभ होगा।

(4) दिल में दर्द होने पर या दिल का दौरा पड़ने पर 2 टेबलस्‍पून शुद्ध देशी घी में 2 ग्राम बेल का रस मिलाएं और पिएं। इससे फौरन आराम मिलेगा।

(5) 10 मिली. अदरक के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से भी दिल के दर्द में आराम मिलता है।


यदि हाई ब्‍लड प्रेशर हो तो :


(1) आप 2 टेबलस्‍पून शहद में एक टेबलस्‍पून नींबू का रस मिलाकर सुबह शाम पिएं, ऐसा करने से ब्‍लड प्रेशर कम हो जाता है।

(2) 5 ग्राम त्रिफला का चूर्णं रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ रोजाना खाएं। आराम मिलेगा।

(3) आंवले का रस नियमित रूप से पीने से हाई ब्‍लड प्रेशर का खतरा न के बराबर रहता है।

(4) सौंफ, मिश्री और जीरा को बराबर मात्रा में लेकर चूर्णं बनाएं। फिर इस चूर्णं को सुबह शाम खाने से ब्‍लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है।

(5) हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगी 2-3 दिन सिर्फ नारंगी का रस पीएं और दूसरा कोई भी अन्‍न या जूस अथवा पेय पदार्थ न पीएं, तो ब्‍लड प्रेशर नियंत्रण में आ जाता है।

(6) आप सुबह शाम खाली पेट थोड़ा सा पपीता खाने से भी ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल में रख सकते हैं।


ब्‍लड प्रेशर लो हो जाने पर :


(1) आप दस पन्‍द्रह तुलसी के पत्‍ते को अच्‍छी तरह मसल कर 4 चम्‍मच शहद मिलाकर खाएं। इससे ब्‍लड प्रेशर नियत्रंण में रहेगा।

(2) आप तीस से पैंतीस किशमिश को सिरेमिक बर्तन में रात भर भिगोकर रख दें और सुबह उठ कर खाली पेट खाएं। इससे लो ब्‍लड प्रेशर की शिकायत दूर हो जाएगी।

(3) आप 6-7 बादाम रात भर पानी में भिगोकर रख दें। फिर सुबह उन्‍हें छीलकर पीस लें। फिर एक गिलास दूध में मिलाकर उबालें और गुनगुना करके पीएं। आपको बहुत आराम मिलेगा।


धड़कन तेज हो जाने पर इन्‍हें अजमाएं :


(1) आप धड़कन तेज होने पर आलूबुखारा खाएं या मीठा अनार खाएं, ऐसा करने से धड़कन नियंत्रण में आ जाएगी।

(2) आप 10 मिली. अनार के ताजे पत्‍तों को 100 मिली. पानी में पीस लें। फिर इसे छानकर पीने से दिल मजबूत होता है और दिल की धड़कन नार्मल हो जाती है।

(3) आप 200 मिली. ताजे गाजर के रस में 100 मिली. पालक का रस मिलाकर रोज सुबह पीने से दिल की सारी तकलीफ दूर हो जाती हैं।

(4) दिल के मरीज रोज एक ग्‍लास मक्‍खन रहित छाछ पिएं तो ब्‍लडबेसल्‍स पर जमा हुआ फैट कम हो जाता है। इससे तेज धड़कन और घबराहट की समस्‍या का निदान हो जाता है।



(समाप्‍त)   

Thursday, May 21, 2015

पीलिया, अस्‍थमा, डायबिटीज़ आदि का निदान


पीलिया, अस्‍थमा, डायबिटीज़ आदि का निदान


पीलिया, अस्‍थमा, हैजा, मलेरिया, टायफाइड, पेशाब का रूक जाना, डायबिटीज, बुखार, डिप्रेशन, मोटापा, बहुमूत्र रोग जैसी खतरनाक बीमारियों से हमारा अक्‍सर सामना होता है। हम इन बीमारियों का डट कर मुकाबला भी करते हैं। यदि हमें होम रेमेडीज की थोड़ी भी जानकारी हो तो इन रोगों को घातक और जानलेवा रोग बनने से रोका भी जा सकता है। पर बहुतायत में लोगों को होम रेमेडीज की जानकारी नहीं होती है। हम में से हर कोई किसी न किसी बीमारी के लिए, दूसरों से घरेलू उपायों की पूछतांछ और जानकारी हासिल करने में जुटा रहता है। आपकी इसी समस्‍या को देखते हुए मैंनें अपना (Blog) आप सबको स‍मर्पित किया है। इसे पढ़कर आप जरूर स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हासिल करेंगें, ऐसी मेरी कामना है। पर ध्‍यान रहे मेरे बताए नुस्‍खों को अजमाने से पहले आप रजिस्‍टर्ड वैध अथवा डॉक्‍टर से सलाह जरूर ले लें।


हैजा हो जाने पर...


१ * १० रत्‍ती घी में भुनी हुई हींग, १० रत्‍ती काली मिर्च, अफीम ८ रत्‍ती को एक साथ मिलाकर १२ गोलियां बना लें और दिन में ३ – ४ बार एक-एक गोली पानी के साथ लेने से बहुत फाएदा होता है।

२ * अजमोद के पत्‍तों को अच्‍छी तरह धोकर पीस लें और उसका रस निकाल कर रोगी को एक-एक घंटे के अंतराल पर दें। ध्‍यान रहे पहली बार चार बड़े चम्‍मच भर कर दें और बाद में २ – २ चम्‍मच। हैजे में बहुत आराम मिलेगा।

३ * लौंग के तेल की २ – ३ बूंद चीनी या बताशे में देने से हैजे में बहुत लाभ होता है।

४ * हींग ५ ग्राम, कपूर १० ग्राम, कत्‍था १० ग्राम और नीम के १० – १२ कोमल पत्तियां लेक तुलसी के रस में पीस कर मटर के आकार की गोलियां बना लें और १ – १ गोली दिन में ३ – ४ बार गुलाब (Rose)  के अर्क में देने से हैजे में बहुत लाभ होता है।

५ * हैजे की शुरूआत में ही १ – १ रत्‍ती हींग (Heeng) मिलाया हुआ प्‍याज का रस आधे आधे घंटे के अंतराल पर देने से हैजा दूर होता है।

६ * जायफल का चूर्णं १० ग्राम की मात्रा में गुड़ के साथ मिलाकर ३ – ४ ग्राम की गोलियां बनाइए। फिर एक – एक गोली आधे आधे घंटे पर देने से और ऊपर से थोड़ा सा गर्म पानी पीने से हैजे के दस्‍त बंद हो जाते हैं।


मोटापा दूर करने का उपाय...


१ * सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस एक चम्‍मच शहद के साथ मिलाकर पिएं। मोटापा दूर करने का यह अजमाया और जाना माना नुस्‍खा है।

२ * तीन – चार महीने तक रोजाना सुबह दस से बारह करीपत्‍ता खाएं। यह फैट गलाने में सहायक होता है।

३ * तीन चम्‍मच नींबू के रस में आधा ग्राम काली मिर्च का पाउडर और थोड़ा सा शहद मिलाकर तीन से चार माह तक पीएं। मोटापे से राहत मिलेगी।

४ * रोजाना सुबह नाश्‍ते में दो टमाटर खाएं। यह आपकी कैलोरी लेने की क्षमता को कम करता है। पर टमाटर की एक खासियत यह है कि चमड़ी का रंग भी काला करता है। इसलिए लड़कियों को टमाटर सोच समझ कर खाना चाहिए। अधिक मात्रा में टमाटर खाने से उनका रंग काला हो सकता है।

५ * ग्रीन टी वजन कम करने में बहुत सहायक होती है। आप रोजाना तीन से चार कप ग्रीन टी अवश्‍य पिएं। इससे मोटापा दूर होता है।


मलेरिया का बुखार हो जाने पर इन्‍हें अजमाएं...


१ * पिप्‍पली, अतीस ५० ग्राम, तुलसी के सूखे पत्‍ते ५० ग्राम, सोंठ व लौंग १० – १० ग्राम लेकर चूर्णं बना लें। फिर एक ग्राम चूर्णं को दिन में चार बार गर्म दूध के साथ देने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।

२ * एक गिलास ठंडे पानी में खांड या पीली शक्‍कर डालकर अच्‍छी तरह मिलाएं और एक दो नींबू का रस उसमें निचोड़ दें। यह शर्बत मलेरिया के बुखार के लिए बहुत फाएदेमंद है।

३ * तुलसी के ६ – ७ पत्‍ते, एक काली मिर्च और १ पिप्‍पली को पीस कर शक्‍कर के साथ मिलाकर पानी के साथ देने से बुखार कम होता है।

४ * २५ ग्राम पिप्‍पली, को ४०० मिली. पानी में धीमी आंच पर पकाएं। आधा पानी रह जाने पर छानकर शीशी में भर लें। फिर २ – २ टी स्‍पून की मात्रा में दिन तीन चार बार पिलाने पर मलेरिया बुखार में बहुत आराम मिलता है।

(मलेरिया बहुत घातक बीमारी होती है। इसमें पीडि़त व्‍यक्ति को बहुत तेज सर्दी लगती है। यह जानलेवा भी होता है। इसलिए आप मलेरिया का शक होते ही, मलेरिया की जांच कराएं और अंग्रेजी इलाज हेतू फौरन अस्‍पताल जाएं। होम रेमेडीज आपकी मदद कर सकती हैं पर अंग्रेजी इलाज सर्वोत्‍तम है)


डिप्रेशन का सटीक निदान...


१ * आप मुठठी भर ताजी गुलाब की पत्तियों को पानी में डालकर उबालें और फिर डिप्रेशन महसूस होने पर इसे पिएं। आपको डिप्रेशन से निजात अवश्‍य मिलेगी।

२ * दूध या शहद के साथ एक सेब खाने से खराब मूड भी अच्‍छा हो जाता है।

३ * २ – ३ छोटी इलायची को पीस कर पाउडर बना लीजिए और फिर एक कप गुनगुने पानी में चीनी के साथ मिलाकर दिन में दो तीन बार पिएं। डिप्रेशन भाग जाएगा।


टायफाइड हो जाने पर इन्‍हें अजमाएं...


१ * सुबह शाम दूध से मलाई निकाल कर उसमें तुलसी की २ – ३ पत्तियां डालकर चाय बना कर पिएं आपको लाभ होगा।

२ * टायफाइड में बार बार करवट बदलने से बहुत राहत मिलती है।

३ * शरीर को गुनगुने पानी से लगातार पोंछते रहें, पोंछे हुए कपड़े को गर्म पानी में उबालकर साफ करें।

४ * हर दूसरे तीसरे दिन एनिमा लें।

५ * यदि आप मांसाहारी हैं, तो बकरे के फेफड़ो का सेवन करें। बकरे के फेफड़े प्‍याज में स्‍टू की तरह पकाएं (टू प्‍याजा) यह अंग्रेजी अथवा हर्बल इलाज के बीच दी जाने वाली अचूक औषधि है।

६ * एक गिलास मलाई रहित दूध में मोसम्‍मी का रस धीरे धीरे मिलाएं। जब दूध फटने लगे तो रस मिलाना बंद कर दें। फिर इस रस में थोड़ी सी शक्‍कर या पिसी हुई मिश्री मिलाकर रोगी को पिलाएं। रोगी को बहुत लाभ होगा।


डायबिटीज के कुछ घरेलू उपचार...


१ * तेजपत्‍ते को कूट कर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर सुबह उठते ही पांच ग्राम की मात्रा में यह चूर्णं गुनगुने पानी के साथ लें। १० दिन के अंदर ही डायबिटीज में लाभ होगा।

२ * लगातार तीन महीने तक करेले की सब्‍जी देशी घी में बनाकर खाने से डायबिटीज में बहुत लाभ होता है।

३ * आंवला, मेथी और हल्‍दी तीनों को बराबर मात्रा मे लेकर अच्‍छी तरह पीस लें। फिर इस चूर्णं को सुबह, दोपहर, शाम को पानी के साथ एक चम्‍मच की मात्रा में लें। २ माह में आराम मिलेगा।

४ * जामुन के कोमल हरे पत्‍तों को पीसकर नियमित रूप से २५ दिन तक सुबह पानी के साथ पीने से पेशाब में शुगर जाना बंद हो जाती है।

५ * रात में मेथी के दाने भिगोकर रख दें। फिर सुबह उठ कर मेथी के दानों का पानी पीकर धीरे धीरे मेथी चबा लें। डायबिटीज धीरे धीरे ठीक हो जाएगी।

६ * सुबह टमाटर, संतरा और जामुन का नाश्‍ता करें। यह फल डायबिटीज विरोधी हैं।

७ * रात को काली किशमिश भिगोकर रख दें और फिर सुबह उठकर उसका पानी छानकर पी जाएं। आपको बहुत लाभ होगा।

८ * केले का रस पीने से भी डायबिटीज में फाएदा होता है।

९ * आंवले के चूर्णं को भिगोकर कुछ देर रख दें। फिर उसे छानकर, नींबू का रस मिलाकर सुबह उठते ही पी लें।

१० * आम और जामुन का रस समान मात्रा में मिला कर दिन में तीन चार बार लगातार एक महीने तक लें। आपको बहुत लाभ होगा।


सामान्‍य बुखार होने पर...


१ * आप खूब पानी पिएं।

२ * रात को त्रिफला चूर्णं खाएं।

३ * बुखार कम करने के लिए आप रोज ८ – १० तुलसी की पत्तियां और ३ – ४ काली मिर्च चबाएं।

४ * सोंठ, गुड़, तुलसी और काली मिर्च का ५० मि.ली. काढ़ा बनाकर उसमें आधा नींबू का रस मिलाकर पीने से भी बुखार दूर हो जाता है।

५ * पेट साफ रखें।

६ * तुलसी की चाय का सेवन भी बुखार में लाभकारी है।

७ * भोजन के बाद शहद में अदरक के रस की ३ – ४ बूंदें मिलाकर चाटें। आपको लाभ होगा।

८ * चाय में आधा टी-स्‍पून दालचीनी, २ चुटकी सोंठ और २ बड़ी इलायची का चूर्णं बनाकर दिन में तीन चार बार पिएं।


पेशाब रूक जाने पर...


१ * अरंडी का तेल ५० ग्राम की मात्रा में लेकर, गर्म पानी में डाल कर रोगी को पिलाने से लाभ होता है।

२ * फिटकरी ५० ग्राम, कलमीशोरा ५० ग्राम, सफेद चंदन का चूरा २५ ग्राम लेकर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर इसे ३ ग्राम की मात्रा में दिन में ३ बार ताजे पानी से लें। इसके प्रयोग से मूत्र संबंधी सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं।

३ * आंवलों को पीसकर नाभि के नीचे लेप करने से पेशाब उतरता है।

४ * बारहसिंगा के सींग को पत्‍थर पर चंदन की भांति घिस कर नाभि के चारों ओर लेप करने से १५ मिनट में ही पेशाब उतरने लगती है।


अस्‍थमा दूर करने के कुछ उपाय...


१ * सोंठ और बड़ी हरड़ को पीस कर ५ – ५ ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ ३ – ३ घंटे के अंतराल पर लेते रहें। यह प्रयोग १० से १२ दिनों तक करें। आपको लाभ होगा।

२ * सांस फूलने की शिकायत होने पर तुलसी के पत्‍ते काले नमक के साथ खाने से आराम मिलता है।

३ * एक पके केले को दीपक की लौ में या गैस चूल्‍हे की धीमी आंच पर गर्म करें। फिर इसे छील कर उस पर पिसी हुई काली मिर्च बुरक कर रोगी को खिलाएं। इससे रोगी को आराम मिलेगा।

४ * काली तुलसी के पत्‍तों को छोटी मधुमक्खियों के शहद के साथ खाने से बहुत लाभ होता है। आप १३ ग्राम शहद में २० मि.ली. तुलसी की पत्तियों का रस निकाल कर मिलाएं और इसे चाटें। रोगी को दमा से राहत मिलेगी।

५ * रात को सोने से पहले भुने चने खाकर ऊपर से गर्म दूध पी‍एं। इससे सांस की नली साफ होती है और दमा की शिकायत भी दूर हो जाती है।

६ * सोने से पहले २ – ३ काली मिर्च चबाएं। तुलसी के पत्‍तों में काली मिर्च मिलाकर खाने से भी बहुत लाभ होता है।

७ * आप रोज २५ – ३० ग्राम आंवले का मुरब्‍बा, ५ ग्राम पिप्‍पली का पाउडर और ५ ग्राम शहद एक साथ मिलाकर सेवन करने से भी दमे में बहुत आराम मिलता है।

८ * पुरानी हल्‍दी की गांठ को पीस कर चूर्णं बना लें। फिर आधा बड़ा चम्‍मच चूर्णं २ चम्‍मच पुराने शहद के साथ शहद में मिलाकर लेने से बहुत फाएदा होता है।

९ * नींबू का रस अदरक के साथ लेने से दमा रोग में बहुत लाभ होता है।


यदि बच्‍चे को अस्‍थमा है, तो उसे मूंगफली न खिलााएं

अस्‍थमा से ग्रस्‍त बचचों को मूंगफली से एलर्जी हो सकती है। अमेरिका में ओहियो स्थित मर्सी चिल्‍ड्रंस अस्‍पताल से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता रॉबर्ट कॉन के अनुसार सांस लेते वक्‍त घरघराहट, कफ या फिर तेज सांस चलना इसके लक्षण हो सकते हैं। इस ताजा रिसर्च के मुताबिक इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं है, क्‍योंकि इसके लक्षणों का पता ही नहीं चलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पेरेंटस को अस्‍थमा से पीडि़त बच्‍चों का मूंगफली से होने वाली एलर्जी (पीनट एलर्जी) का टेस्‍ट जरूर कराना चाहिए। पीनट एलर्जी से जुड़े सांस संबंधी दिक्‍कतों के लक्षण अस्‍थमा अटैक का कारण भी बन सकते हैं। अस्‍पताल के पीडिएट्रिक क्‍लीनिक में 1500 से अधिक बच्‍चों पर किए गए अध्‍ययन के बाद शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं। इनमें से 11% बच्‍चों को जानकारी ही नहीं थी, कि उन्‍हें मूंगफली से एलर्जी है। इसलिए आप भी मूंगफली का इस्‍तेमाल सावधानी से करें। क्‍योंकि सावधानी में ही सुरक्षा है।


बहुमूत्र रोग के निदान हेतू कुछ उपाय...


१ * अजवायन २० ग्राम, काला तिल ४० ग्राम को एक साथ मिलाकर पीस लें और फिर इसमें ६० ग्राम गुड़ मिलाएं। इस नुस्‍खे को ५ – ६ ग्राम की मात्रा में खाने से बहुमूत्र रोग में बहुत लाभ होता है। (जो बच्‍चे बिस्‍तर में पेशाब कर देते हैं, उनके लिए य‍ह बहुत उपयोगी है)

२ – दालचीनी, शक्‍कर, रूमी मस्‍तंगी इन तीनों चीजों को समान मात्रा में लेकर चूर्णं बना लें और फिर ३ ग्राम की मात्रा में सुबह शाम गर्म पानी के साथ लें। ७ दिन में ही बहुमूत्र की शिकायत दूर हो जाती है।

३ * रीठे की गुठली का चूर्णं आधा आधा ग्राम सुबह शाम ताजे पानी के साथ सेवन करने से बहुमूत्र रोग एक सप्‍ताह में ही ठीक हो जाता है।

४ * खसखस २० ग्राम व गुड़ २० ग्राम मिलाकर रख लें। फिर इसे एक – एक ग्राम सुबह शाम पानी के साथ खाएं। ऐसा करने से बहूमूत्र रोग ठीक हो जाता है।

५ * काले तिल व पुराना गुड़ बराबर मात्रा में लेकर एक – एक ग्राम की गोलियां बना लें। फिर एक – एक गोली दिन में तीन बार खाएं। बहुमूत्र में लाभ होगा।

६ * मिश्री ४० ग्राम, काली‍ मिर्च २० ग्राम, मुलहठी ३० ग्राम लेकर सभी को अच्‍छी तरह पीस कर चूर्णं बनाएं। फिर इस चूर्णं को ४ – ५ ग्राम की मात्रा में घी के साथ मिलाकर चाटें। ऐसा करने से एक सप्‍ताह में ही बहूमूत्र ठीक हो जाएगा।


पीलिया हो जाने पर...


१ * पीपल और लसोढ़े के ७ – ७ या ११ – ११ पत्‍ते घोंट कर या पीस कर नमक मिला लें। फिर खाली पेट ११ दिन तक पिएं।

२ * पीपल की छाल का नर्म गूदा पचास ग्राम जौकुट करके २५० मि.ली. पानी में मिटटी के कुल्‍हड़ में भिगो दें। सुबह पानी निथार कर पिएं। पीलिया में आराम मिलेगा।

३ * एक ग्राम पीपल की छाल की राख खाकर एक या दो गिलास छाछ पिएं। इससे सारा पीला पन निकल जाएगा।

४ * आप रोज बेल के १५ पत्‍ते पानी के साथ पीस कर एक सप्‍ताह तक पीने से पीलिया जाता रहता है।

५ * गन्‍ना चूसने या गन्‍ने का रस पीने से पीलिया दूर हो जाता है।

६ * १० ग्राम सोंठ के चूर्णं में गुड़ मिलाकर सुबह शाम दो बार गुनगुने पानी के साथ एक सप्‍ताह तक लें। पीलिया दूर होगा।

७ * १० ग्राम पिसी हुई हल्‍दी ५० से १०० ग्राम दही में मिलाकर पीने से पीलिया कुछ ही दिनों में चला जाता है।

८ * गाय के दूध की ताजा छाछ या १० तोले मटठे में आधा तोला हल्‍दी मिलाकर सुबह शाम पीने से पीलिया खत्‍म हो जाता है।



(समाप्‍त)