स्तनों का घरेलू उपचार
स्तनों को किसी भी स्त्री
की सुंदरता का सबसे बड़ा पैमाना माना जाता है। यदि स्तन स्वस्थ और पूरी तरह
विकसित हैं, तो यह मान लिया जाता है कि स्त्री सुंदर है। किसी भी स्त्री
के चेहरे के बाद उसके स्तन ही सौंदर्य का गुणगान करते हैं। स्तन स्त्री को
सौंदर्य की मूरत तो बनाते हैं पर यदि स्तनों में कोई रोग है, तो यह बड़ी परेशानी का सबब
भी बनते हैं। स्तनों के विकार स्त्री के
आत्मविश्वास को पूरी तरह चकनाचूर करके
रख देते हैं। स्तनों की छोटी मोटी बीमारियों से लेकर स्तन कैंसर जैसी भयानक और
जानलेवा बीमारियां हैं। जैसे अविकसित स्तन, स्तनों में सूजन, अतिस्थूल स्तन, थनैला तथा स्तन कैंसर
आदि। यदि कोई महिला इन समस्याओं से ग्रस्त है तो वह नीचे बताए गए उपायों को अजमा
कर खुद ही उपचार कर सकती है। पर इन उपचारों के संदर्भ में किसी रजिस्टर्ड वैध
अथवा डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
स्तन कैंसर का घरेलू उपचार
१ * एक ग्लास पानी में
हर्बल ग्रीन टी को आधा होने तक उबालें और फिर उसे पीएं। यह फाएदेमंद होती है।
२ * रोज अंगूर या अनार का
जूस पीने से स्तन कैंसर से बचा जा सकता है।
३ * सोंठ, नमक, मूली, सरसों, शमी और सहिजन के बीज को
बराबर मात्रा में लेकर खटटे छाछ में पीसकर स्तनों पर लेप करें। एक घंटे बाद नमक
की पोटली से दस – पन्द्रह मिनट तक सिंकाई करें। आराम मिलेगा।
४ * रोज लहसुन का सेवन करने
से स्तन कैंसर की संभावना को रोका जा सकता है।
५ * पोई के पत्तों को
पीसकर पिण्ड बनाकर लेप करने तथा पत्तों द्धारा अच्छी तरह ढंककर पटटी बांधने से
शुरूआती अवस्था का कैंसर ठीक हो जाता है।
स्तनों की सूजन
१ * गेंदे की पत्तियों को
कपड़े में लपेट कर बांध लें। फिर इसके ऊपर गीली मिटटी का लेप लगा दें। फिर कपड़े
की इस पोटली को उस आग की भटटी में रखें जो ठंडी होने वाली हो। फिर जब पोटली के ऊपर
की मिटटी लाल हो जाए, तब उसे बाहर निकालें और पत्तियों को अलग कर लें। इसके बाद
इन्हीं पत्तियों को स्तनों पर बांधें।
२ * धतूरे की पत्ते और हल्दी
को पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों की सूजन में आराम मिलता है।
३ * अजवायन का तेल को
गुनगुना करके २ – ३ बार स्तनों की मालिश करें और फिर अरंड का पत्ता बांध दें।
सूजन में आराम मिलेगा।
४ * स्तनों में यदि सूजन
के साथ साथ दर्द भी हो तो इंद्रायण की जड़ को पीसकर लेप बना लें और फिर इसे गर्म
करके स्तनों पर लेप करने से दर्द कम होता है और सूजन भी कम हो जाती है।
५ * धृतकुमारी यानि ऐलोवेरा
के गूदे में हल्दी मिलाकर थोड़ा सा गर्म करके लेप करने से सूजन कम हो जाती है।
अविकसित स्तन तथा छोटे स्तनों
को बड़े करने के उपाय
१ * यदि स्तन अविकसित तथा
छोटे हैं तो बादाम के तेल की नियमित मालिश करने से स्तन विकसित व पुष्ट हो जाते
हैं।
२ * अश्वगंधा और शताबरी को
बराबर मात्रा में लेकर चूर्णं बनाएं और फिर एक – एक चम्मच चूर्णं सुबह शाम दूध के
साथ ४५ से ६० दिनों तक खाएं। आपकी चिंता का समाधान होगा।
३ * महानारायण तेल की मसाज
से भी अविकसित स्तन आकर्षक हो जाते हैं।
४ * पीपरी का चूर्णं २०
ग्राम, काली मिर्च का चूर्ण २० ग्राम, अश्वगंधा का चूर्णं १५०
ग्राम, सोंठ का चूर्णं ७५ ग्राम, लेकर शुद्ध घी में भून लें
और फिर आधा किलो पुराने गुड़ की चाशनी बनाकर भूने गए चूर्णं को चाशनी में मिलाकर
रख लें। इसे रोज २० – २५ ग्राम मात्रा में रोज गुनगुने दूध के साथ खाने से स्तन
आकर्षक और पुष्ट होते हैं।
५ * खाने में फल, दालें, ताज़ा सब्जियां, काजू, दूध, दही, घी, अंडे, कच्चा नारियल व नींबू आदि
का सेवन जरूर करें। यह स्तनों का अच्छी तरह पोषण करते हैं।
अतिस्थूल स्तन (बड़े तथा
लटके हुए स्तन)
१ * यदि स्तन स्थूल हैं
तो सबसे पहले आप वसा युक्त भोजन खाना बंद कर दें। जैसे कि दूध, घी, मलाई, मक्खन तथा मिठाईं आदि।
यदि मांसाहारी हैं तो मांस से परहेज करें।
२ * काली गाय के दूध में
सफेद मोथा पीसकर लेप करने से स्तनों के ढीलेपन में कमी आती है और स्तन कठोर होते
हैं।
३ * महानारायण तेल स्तनों
पर लगाकर उंगलियों से दबाकर नीचे से ऊपर की ओर मालिश करें। मालिश के बाद गुनगुने
पानी की धार स्तनों पर डालें १० मिनट गुनगुने पानी की धार डालने से स्तनों की
चर्बी घटेगी और सौंदर्य वापस लौट आएगा।
स्तनों का थनैला रोग
१ * नींबू के रस में शहद
मिलाकर स्त्नों पर लेप करने से थनैला में बहुत लाभ होता है।
२ * मोगरे के फूलों को पीस
कर स्तनों पर लेप करके बांध दें। सुबह शाम इस प्रक्रिया को करने से थनैला रोग दो –
तीन दिन में ही ठीक हो जाता है।
३ * अरहर की दाल (तुअर दाल)
आम की गुठली और जौ को पानी में एक साथ पीसकर दिन में तीन – चार बार लेप करने से
बहुत आराम मिलता है।
४ * गेंहू, जौ और मूंग का बराबर
मात्रा में लेकर पानी के साथ गर्म करके तकलीफ वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता
है।
५ * सहिजन की छाल को महीन
पीसकर उसका गर्म लेप करने से थनैला बिना पके ही बैठने लगता है।
६ * दस ग्राम काली मिर्च और
५ ग्राम दालचीनी पीसकर इसकी एक खुराक बनाएं। दिन में तीन बार तीन खुराकें २० ग्राम
शहद में मिलाकर खाएं। थनैला का उपचार हो गया।
७ * १२५ ग्राम नीम के पत्तों
को लेकर एक लीटर पानी में उबालें। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो उतारकर कपड़े से
छानकर थनैला को धोएं। आराम मिलेगा।
८ * हरा धनिए की पत्तियों
को पीसकर हल्का गर्म करके लेप करें। बहुत आराम मिलेगा।
९ * हल्दी और धतूरे के पत्ते
समान मात्रा में लेकर पीस लें। फिर गर्म करके थनैला पर लेप करें। आराम मिलेगा।
(सभी चित्र गूगल सर्च से
साभार)
ReplyDeleteस्तन समस्या और उनका समाधान
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