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Wednesday, April 22, 2015

बच्‍चों की बीमारियां, सामान्‍य उपचार।


बच्‍चों की बीमारियां


बच्‍चे बीमार होते हैं, तो हम सबकी परेशानियां बढ़ जाती हैं। बच्‍चों की तकलीफ कोई भी माता पिता नहीं देख सकते। इसलिए जितना संभव हो, हमें अपने बच्‍चों की उचित देखभाल करनी चाहिए। ताकि वह कम से कम बीमार हों। इस पोस्‍ट में मैं बच्‍चों की कुछ ऐसी ही बीमारियों के बारे में जानकारी देने जा रही हूं। इन समस्‍याओं का निदान भी प्रस्‍तुत कर रही हूं। आशा है कि यह जानकारी आप सबके बहुत काम आएगी। पर नीचे दिए गए उपायों के बारे में आप किसी रजिस्‍टर्ड वैध अथवा डॉक्‍टर से सलाह जरूर कर लें।


बच्‍चों में गैस की समस्‍या


१ * यदि बच्‍चे को गैस की समस्‍या हो तो आप जीरा या अजवायन को पीस कर पेट पर लेप करने से बच्‍चे को गैस की समस्‍या से राहत मिलेगी।

२ * हींग को भूनकर उसे पानी में घिस कर नाभि (टुंडी) के चारों ओर लेप करें।

३ * थोड़ी सी हींग का पाउडर को घी में मिलाकर पिलाने से गैस से राहत मिलेगी।

४ * एक चम्‍मच लहसुन के रस में आधा चम्‍मच घी मिलाकर पिलाएं, गैस में फौरन राहत मिलेगी।


यदि दांत निकल रहे हों तो ...


१ * छोटी पीपर को बारीक पीसकर ऐसा चूर्णं तैयार करें जो कपड़े से छन जाए। फिर इसे चुटकी भर लेकर शहद में मिलाकर दिन में दो – तीन बार बच्‍चों के मसूढ़ों पर मलें।

२ * अनार के रस में तुलसी का रस मिलाकर बच्‍चे को चटाने से दांत आसानी से निकल आते हैं।

३ * शहद में सुहागा पीसकर निकल रहे दांतों पर मलें। इससे दांत आसानी से निकलते हैं।

४ * कच्‍चा आंवला या कच्‍ची हल्‍दी का रस मसूढ़ों पर मलने से दांत आसानी से निकल आते हैं।

५ * सुहागे की खील १२५ मि.ग्राम की मात्रा में मां के दूध में मिलाकर बच्‍चे को दिन में दो तीन बार चटाएं। साथ ही सुहागे की खील को शहद में मिलाकर मसूढ़ों पर भी मलें।

६ * भुना हुआ सुहागा और मुलैठी २ – २ ग्राम बारीक पीसकर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं और बच्‍चे के मसूढ़ों पर आठ दस दिन तक मलें। इससे दांत आसानी से निकल आते हैं।


बच्‍चे को दस्‍त आ रहे हों तो ....


१ * आप बच्‍चे को जायफल घिसकर शहद के साथ सुबह और शाम चटाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।

२ * सोंठ का चूर्णं १२५ मि.ग्राम की मात्रा में गुड़ में‍ मिलाकर देने से बच्‍चे को दस्‍त से राहत मिलती है।

३ * सौंफ और सोंठ का काढ़ा बनाकर बच्‍चे को एक या दो चम्‍मच पिलाएं। आराम मिलेगा।

४ * जौ का पानी और अंडे की सफेदी को घोलकर बार बार थोड़ा थोड़ा पिलाएं, इससे बहुत लाभ होगा।

५ * यदि बच्‍चे को हरे दस्‍त आ रहे हों तो थोड़ा सा अरंडी का तेल यानि कैस्‍टर ऑयल चटाएं।


यदि बच्‍चे को ठंड से बचाना हो ...


१ * बच्‍चे के सोने वाली जगह के आसपास कपड़े की पोटली में प्‍याज को कुचलकर बांध कर रख दें।

२ * जिस कमरे में बच्‍चा सोता हो, वहां की खिड़कियां बंद न रखें। अंगींठी और हीटर का प्रयोग नहीं करें।

३ * कभी कभी कुनकुने पानी में नीम की पत्तियां उबालकर बच्‍चे को पोंछा लगाएं।

४ * नवजात बच्‍चे को शहद चटाएं। इससे उसे ठंड नहीं लगेगी।

५ * नहलाने से पहले शहद में नीबू का रस निचोड़कर बच्‍चे की छाती पर मलें। यह बच्‍चे के लिए सर्दी से सुरक्षा प्रदान करता है।

६ * रात को सोते समय तुलसी का रस उसकी नाक, कान और माथे पर मलें। बच्‍चे को ठंड का असर नहीं होगा।

७ * नवजात बच्‍चे के शरीर पर हल्‍के हल्‍के हाथों से राई के तेल की मालिश करें और कम कपड़े पहनाकर सुबह की गुलाबी धूप में थोड़ी देर टहलाएं या सुलाएं। इससे बच्‍चे को सर्दी नहीं लगेगी।


बच्‍चे को काली खांसी या कुकुर खांसी हो तो ...


१ * एक छोटा चम्‍मच मां का दूध या बकरी का दूध लेकर उसमें आधा चम्‍मच शहद मिलाकर दिन में चार पांच बार चटाएं। यह काली खांसी का अचूक इलाज माना जाता है।

२ * मुलहठी और अनार का छिलके को जला कर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बना लें। फिर थोड़ा सा चूर्णं एक ग्राम शहद में मिलाकर चटाएं।

३ * तीन – चार ग्राम शुद्ध किया हुआ नारियल का तेल दिन में तीन बार आधा चम्‍मच पिलाने से भी काली खांसी में बहुत जल्‍दी आराम मिलता है।

४ * घोड़ी, गधी या ऊंटनी का दूध पिलाने से भी काली खांसी में आराम मिलता है।

५ * केले के सूखे फूल को जलाकर भस्‍म बनाएं। इस भस्‍म को १२५ मिली.ग्राम की मात्रा में शहद में मिलाकर बच्‍चे को दिन में तीन – चार बार चटाएं। इसका इस्‍तेमाल बड़े भी कर सकते हैं। बड़ों को ५०० मिली. ग्राम मात्रा में दें।

६ * लौंग, छोटी पीपर और जायफल इन तीनों को २० – २० ग्राम तथा काली मिर्च ४० ग्राम और मिश्री १०० ग्राम लेकर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर इसे १ ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह शाम पिलाने से काली खांसी दूर हो जाती है।

७ * लौंग को आग में भूनकर और बारीक चूर्णं बनाकर शहद के साथ देने से कुकुर खांसी में बहुत लाभ होता है।

८ * अनार के छिलके, काली मिर्च, सेंधा नमक, बहेड़े का छिलका सभी को समान मात्रा में लेकर बारीक कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर १ ग्राम चूर्णं पान के रस के साथ बच्‍चे को दिन में ४ – ५ बार चटाएं। इसे तुलसी के रस के साथ भी दिया जा सकता है।

९ * चने की दाल के बराबर पिसी हुई फिटकरी पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिलाने से भी कुकर खांसी में लाभ होता है।

१० * जिस कमरे में बच्‍चा सोता हो वहां अंगारों पर नीम, लहसुन, प्‍याज और अनार के छिलकों को डालकर धुआं करने से बच्‍चे को सांस लेने में दिक्‍कत नहीं होगी और काली खांसी में भी आराम मिलेगा।

११ * २५० मिली. ग्राम भुनी हुई फिटकरी बराबर मात्रा में चीनी के साथ दिन में दो बार देने से लाभ होता है।

१२ * अनार के फूल का छिलका सुखाकर उसे पीस कर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर २ ग्राम चूर्णं को पानी में उबालकर छान लें। ठंडा होने पर १ – २ चम्‍मच की मात्रा में दिन में तीन चार बार पिलाएं।

१३ * तुलसी के पत्‍ते और काली मिर्च समान मात्रा में लेकर पीस लें। फिर मूंग के बराबर गोलियां बनाकर १ – १ गोली चार बार दें। कुछ ही दिन में कुकुर खांसी में आराम मिल जाएगा।


बच्‍चे को खांसी जुकाम हो जाए तो...


१ * बच्‍चे को तुलसी का रस दें। इससे सर्दी का प्रकोप नहीं होगा।

२ * बच्‍चे की छाती में कफ जम जाए तो आप थोड़ा सा गाय का घी छाती पर मलें। इससे कफ पिघल कर बाहर आ जाएगा।

३ * आधा इंच अदरक व एक ग्राम तेजपत्‍ते को एक कप पानी में भिगो कर काढ़ा बनाएं। फिर इसमें एक चम्‍मच मिश्री मिलाकर १ – १ चम्‍मच की मात्रा में दिन में तीन बार पिलाएं। इससे दो दिन में ही खांसी जुकाम ठीक हो जाएगा।

४ * आधा चम्‍मच तुलसी के रस में आधा चम्‍मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार बच्‍चे को पिलाएं। सर्दी खांसी में बहुत आराम मिलेगा।

५ * थोड़ा सा सरसों का तेल रोजाना उसकी छाती और गुदा मार्ग पर लगाएं। बहुत जल्‍दी आराम मिलेगा।

६ * खांसी होने पर बच्‍चे को वंशलोचन पीसकर शहद के साथ चटाएं। आराम मिलेगा।

७ * बादाम की ५ गिरी, ५ मुनक्‍के और ५ काली मिर्च इन्‍हें मिश्री के साथ पीसकर गोली बना लें। फिर चार – चार घंटे के अंतराल पर एक गोली चूसने को दें। इससे खांसी दूर हो जाएगी।


८ * बड़ी इलायची का पाउडर २ – २ ग्राम दिन में तीन बार पानी के साथ लेने से सभी प्रकार की खांसी में आराम मिलता है।

(समाप्‍त) 

5 comments:

  1. उपयोगी जानकारी ...

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  2. बहुत अच्छी जानकारी लोग लाभ ले सकेंगे कहकशां जी ...
    बधाई
    बच्चों के बीमारियां की जगह
    बच्चों की या बच्चों को होने वाली बीमारियां लिखें तो सुन्दर होगा
    भ्रमर ५

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    1. आदरणीय शुक्‍ला जी, त्रुटि की याद दिलाने का बहुत बहुत धन्‍यवाद। यह त्रुटि भूलवश रह गई थी। मैंनें सुधार कर दिया है।

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  3. सर मेरी बचची की उमर 2साल है दो तीन दिनो से कुछ खा पी नही रही है और सुसत भि रहती है किरपया सलाह दे

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  4. सर मेरी बचची की उमर 2साल है दो तीन दिनो से कुछ खा पी नही रही है और सुसत भि रहती है किरपया सलाह दे

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