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Friday, April 10, 2015

बच्‍चों के रोग और उनकी परेशानियां


बच्‍चों के रोग और उनकी परेशानियां


प्रत्‍येक माता पिता चाहतें कि उनका बच्‍चा स्‍वस्‍थ और निरोगी रहे। इसलिए वह अपने बच्‍चे की हमेशा उचित देखभाल करते हैं। हम कितनी ही अच्‍छी देखभाल क्‍यों न करें, पर बीमारियां दबे पांव आ ही जाती हैं। बच्‍चों के मामले में दिन और रात का बड़ा ही महत्‍व होता है। दिन में डॉक्‍टर आसानी से मिल जाते हैं, पर रात के समय डॉक्‍टर का मिलना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में हम घर में पहले से मौजूद दवा पर भरोसा करते हैं और किसी तरह रात गुजरने का इंतजार करते हैं और रात बीतते ही सुबह बच्‍चे को डॉक्‍टर के पास लेकर भागते हैं। इन्‍हीं कुछ समस्‍याओं को देखते हुए मैं आपको होम रेमेडीज के कुछ नुस्‍खे बता रही हूं, जो बुरे वक्‍त में आपके बहुत काम आ सकते हैं। पर हां आप सावधानी बरतते हुए इन नुस्‍खों के बारे में रजिस्‍टर्ड चिकित्‍सक से जरूर परामर्श कर लें।


बच्‍चों में कब्‍ज की समस्‍या


१ * रात में भिगो कर रखे गए छुहारे का पानी बच्‍चे को जरूरत के हिसाब से तीन – चार बार पिलाएं। ऐसा करने से कब्‍ज दूर जाएगा।

२ * रूई के फाहे को नीम के तेल में डुबो कर गुदामार्ग में लगाने से कब्‍ज की शिकायत दूर हो जाएगी।

३ * बड़ी हरड़ को पानी के साथ घिस कर उसमें मूंग के दाने के बराबर काला नमक मिलाएं। फिर इसे थोड़ा सा गुनगुना करके दिन में जरूरत के हिसाब से दो – तीन बार बच्‍चे को दें।


बच्‍चे को यदि हिचकियां आ रही हों


१ * नारियल का ऊपरी भाग यानि उसकी जटा को जलाकर उसकी थोड़ी सी राख १ – ३ ग्राम पानी में घोलकर और उसे छानकर बच्‍चे को पिलाएं, तो उसकी हिचकी बंद हो जाएगीं।

२ * अदरक के २ – ३ बूंद रस में चुटकी भर पिसी हुई सोंठ, काली मिर्च और २ बूंद नीबू का रस मिलाकर बच्‍चे को चटाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।


बच्‍चे के पेट में कीड़े होने पर


१ * केले की जड़ को सुखा कर चूर्णं बना लें। फिर २ ग्राम चूर्णं को पानी के साथ बच्‍चे को खिलाएं। ऐसा करने से बच्‍चे के पेट में मौजूद कीड़े बाहर निकल जाएंगें।

२ * बच्‍चे को काले जीरे (स्‍याह जीरा) का पाउडर शहद में मिलाकर चटाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।

३ * सौंफ का पाउडर कपड़े से छानकर एक बटा १/४ टेबलस्‍पून शहद के साथ सुबह शाम चटाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।

४ * आप बच्‍चे को अजवायन के तीन – चार दाने के साथ बच्‍चे को पान खिलाएं। इससे पेट के कीड़े मरने लगते हैं।


यदि बच्‍चे को मतली आ रही हो तो ...


१ * छोटी इलायची को भूनकर उसका कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर चुटकी भर चूर्णं आधा चम्‍मच नींबू के रस में मिलाकर बच्‍चे को खिलाने से मतली में आराम मिलता है।

२ * इलायची के छिलकों को जलाकर उसकी भस्‍म बनाएं, फिर यह भस्‍म बच्‍चे को चटाने से भी आराम मिलता है।

३ * नारियल की जटा को जलाकर भस्‍म बनाएं। फिर २ ग्राम भस्‍म को शहद के साथ चटाने से बच्‍चे को मतली में आराम मिलेगा।


बच्‍चा बिस्‍तर में पेशाब करे तो...


१ * यदि बच्‍चा रोजाना बिस्‍तर पर पेशाब करने लगे तो उसे छुहारा खिलाएं।

२ * छुहारे को बारीक पीसकर चटाने से या खिलाने से भी पेशाब करने की आदत छूट जाती है।

३ * बच्‍चे को पन्‍द्रह – बीस दिनों तक सोते समय एक छोटा चम्‍मच शहद चटाने से भी यह आदत छूट जाती है।

४ * सोने से पहले बच्‍चे के पैरों को गुनगुने पानी से पोंछे। काफी सुधार होगा।

५ – यदि बच्‍चा थोड़ा बड़ा हो गया हो और फिर भी बिस्‍तर में पेशाब कर रहा हो तो, ऐसे बच्‍चे को नियमित रूप से २ अखरोट और १० – १२ किशमिश खिलाने से बच्‍चे की पेशाब करने की आदत छूट जाएगी।


नैपकिन से रैशैज़ होने पर...


१ * हरी दूब को अच्‍छी तरह पीस कर लेप करने से बच्‍चे को नैपकिन रैशैज़ में राहत मिलती है।

२ * लहसुन की ८ – १० कलियों का रस निकालकर चार गुना पानी में मिलाकर रैशैज़ वाले स्‍थान पर लगाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।

३ * आप मक्‍खन में हल्‍दी मिलाकर बच्‍चे को लेप करें। रैशैज़ में राहत मिलेगी।

४ * तुलसी के पत्‍तों का रस निकालकर अथवा उसके पत्‍तों को पीसकर उसका लेप करने से नैपकिन रैशैज़ में आराम मिलता है।


यदि बच्‍चे को नींद में डर लगता हो तो...


१ * गर्मी के मौसम में छोटी इलायची का एक ग्राम अर्क सौंफ के उबले हुए पानी के साथ पिलाएं। इससे बच्‍चे की नींद में डरने की आदत खत्‍म हो जाएगी।

२ * सर्दी के मौसम में १ – २ ग्राम सौंफ पानी में उबालकर छान लें और इसे रात में सोने से पहले बच्‍चे को पिला दें। बच्‍चे को राहत मिलेगी।


बच्‍चे को खसरा हो जाने पर


१ * ब्राम्‍ही के रस में शहद मिलाकर पिलाने से बच्‍चे को आराम मिलता है।

२ * एक लीटर पानी को उबालें फिर जब ढाई सौ मिली. लीटर पानी शेष रह जाए तो इसे उतार कर ठंडा कर लें। फिर बच्‍चे को थोड़ा थोड़ा पिलाएं। इससे खसरे में बच्‍चे को बार बार लगने वाली प्‍यास से राहत मिलेगी।

३ * खसरे के दानों को नीम और गूलर की छाल का क्‍वाथ बनाकर साफ करें और फिर उन पर नीम का तेल लगाएं। काफी फाएदा होगा।

४ * खसरे के दानों में खुजली होने और जलन होने पर चंदन को पत्‍थर पर घिसकर लेप लगाएं।

५ * खसरा होने की वजह से यदि शरीर में खुजली या जलन हो रही हो तो सूखे आंवले को पानी में उबालकर उसे ठंडा कर लें और फिर उसमें कपड़ा भिगोकर शरीर में फेरें। बच्‍चे को बहुत आराम मिलेगा।

६ * आंवले को पीसकर उसका लेप लगाने से भी बहुत लाभ होता है।

७ * १०० ग्राम नारियल के तेल में २० ग्राम कपूर मिलाकर शरीर पर ३ – ४ बार लगाएं। इससे खसरे में राहत मिलती है।

८ * आप खस, गिलोय, धनिया, आंवला और नागरमोथा सबको मिलाकर पाउडर तैयार करें। एक टेबलस्‍पून पाउडर को दो ग्‍लास पानी में उबालें। फिर जब एक ग्‍लास पानी बचे तो इसे उतार लें और बच्‍चे को आधा आधा चम्‍मच थोड़ी थोड़ी देर में पिलाएं। बच्‍चे को बहुत राहत मिलेगी।


यदि बच्‍चे को बुखार आ रहा हो तो...


१ * बुखार में सिरदर्द हो तो गर्म पानी या दूध में सोंठ का पाउडर मिलाकर सिर पर लेप करें या फिर जायफल पीसकर लगाएं।

२ * काली मिर्च के १२५ मि.ग्रा. पाउडर में तुलसी का रस और शहद मिलाकर बच्‍चे को दिन में तीन बार दें। बच्‍चे को काफी आराम मिलेगा।

३ * बुखार में पसीना अधिक आ रहा हो और हाथ पैरों में ठंड लग रही हो तो सोंठ पाउडर को हल्‍के हाथों से लगाएं। इससे काफी आराम मिलेगा।

४ * बुखार तेज हो तो प्‍याज को बारीक काटकर पेट और सिर पर रखें। बुखार कम होने लगेगा।

(बुखार की दशा में अंग्रेजी इलाज के लिए जल्‍दी से जल्‍दी बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं। अंग्रेजी चिकित्‍सा पद्धिति में बेहतर इलाज मौजूद है)


यदि बच्‍चा तुतलाता हो तो...


१ * बच्‍चा दो – तीन साल का होने पर भी तुतलाए तो आप ब्राम्‍ही के हरे पत्‍ते (यदि बच्‍चा खा सके तो) खिलाएं। इससे क जुबान (जीभ) का मोटापन व कड़ापन दूर होगा और वह साफ बोलने लगेगा।

२ * बड़े बच्‍चों को रोजाना सुबह आंवला चबाने को दें और रात को सोते समय एक टीस्‍पून आंवला पाउडर कुनकुने पानी के साथ दें। तुतलाहट में लाभ होगा।


(समाप्‍त)