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Friday, April 10, 2015

बच्‍चों के रोग और उनकी परेशानियां


बच्‍चों के रोग और उनकी परेशानियां


प्रत्‍येक माता पिता चाहतें कि उनका बच्‍चा स्‍वस्‍थ और निरोगी रहे। इसलिए वह अपने बच्‍चे की हमेशा उचित देखभाल करते हैं। हम कितनी ही अच्‍छी देखभाल क्‍यों न करें, पर बीमारियां दबे पांव आ ही जाती हैं। बच्‍चों के मामले में दिन और रात का बड़ा ही महत्‍व होता है। दिन में डॉक्‍टर आसानी से मिल जाते हैं, पर रात के समय डॉक्‍टर का मिलना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में हम घर में पहले से मौजूद दवा पर भरोसा करते हैं और किसी तरह रात गुजरने का इंतजार करते हैं और रात बीतते ही सुबह बच्‍चे को डॉक्‍टर के पास लेकर भागते हैं। इन्‍हीं कुछ समस्‍याओं को देखते हुए मैं आपको होम रेमेडीज के कुछ नुस्‍खे बता रही हूं, जो बुरे वक्‍त में आपके बहुत काम आ सकते हैं। पर हां आप सावधानी बरतते हुए इन नुस्‍खों के बारे में रजिस्‍टर्ड चिकित्‍सक से जरूर परामर्श कर लें।


बच्‍चों में कब्‍ज की समस्‍या


१ * रात में भिगो कर रखे गए छुहारे का पानी बच्‍चे को जरूरत के हिसाब से तीन – चार बार पिलाएं। ऐसा करने से कब्‍ज दूर जाएगा।

२ * रूई के फाहे को नीम के तेल में डुबो कर गुदामार्ग में लगाने से कब्‍ज की शिकायत दूर हो जाएगी।

३ * बड़ी हरड़ को पानी के साथ घिस कर उसमें मूंग के दाने के बराबर काला नमक मिलाएं। फिर इसे थोड़ा सा गुनगुना करके दिन में जरूरत के हिसाब से दो – तीन बार बच्‍चे को दें।


बच्‍चे को यदि हिचकियां आ रही हों


१ * नारियल का ऊपरी भाग यानि उसकी जटा को जलाकर उसकी थोड़ी सी राख १ – ३ ग्राम पानी में घोलकर और उसे छानकर बच्‍चे को पिलाएं, तो उसकी हिचकी बंद हो जाएगीं।

२ * अदरक के २ – ३ बूंद रस में चुटकी भर पिसी हुई सोंठ, काली मिर्च और २ बूंद नीबू का रस मिलाकर बच्‍चे को चटाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।


बच्‍चे के पेट में कीड़े होने पर


१ * केले की जड़ को सुखा कर चूर्णं बना लें। फिर २ ग्राम चूर्णं को पानी के साथ बच्‍चे को खिलाएं। ऐसा करने से बच्‍चे के पेट में मौजूद कीड़े बाहर निकल जाएंगें।

२ * बच्‍चे को काले जीरे (स्‍याह जीरा) का पाउडर शहद में मिलाकर चटाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।

३ * सौंफ का पाउडर कपड़े से छानकर एक बटा १/४ टेबलस्‍पून शहद के साथ सुबह शाम चटाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।

४ * आप बच्‍चे को अजवायन के तीन – चार दाने के साथ बच्‍चे को पान खिलाएं। इससे पेट के कीड़े मरने लगते हैं।


यदि बच्‍चे को मतली आ रही हो तो ...


१ * छोटी इलायची को भूनकर उसका कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर चुटकी भर चूर्णं आधा चम्‍मच नींबू के रस में मिलाकर बच्‍चे को खिलाने से मतली में आराम मिलता है।

२ * इलायची के छिलकों को जलाकर उसकी भस्‍म बनाएं, फिर यह भस्‍म बच्‍चे को चटाने से भी आराम मिलता है।

३ * नारियल की जटा को जलाकर भस्‍म बनाएं। फिर २ ग्राम भस्‍म को शहद के साथ चटाने से बच्‍चे को मतली में आराम मिलेगा।


बच्‍चा बिस्‍तर में पेशाब करे तो...


१ * यदि बच्‍चा रोजाना बिस्‍तर पर पेशाब करने लगे तो उसे छुहारा खिलाएं।

२ * छुहारे को बारीक पीसकर चटाने से या खिलाने से भी पेशाब करने की आदत छूट जाती है।

३ * बच्‍चे को पन्‍द्रह – बीस दिनों तक सोते समय एक छोटा चम्‍मच शहद चटाने से भी यह आदत छूट जाती है।

४ * सोने से पहले बच्‍चे के पैरों को गुनगुने पानी से पोंछे। काफी सुधार होगा।

५ – यदि बच्‍चा थोड़ा बड़ा हो गया हो और फिर भी बिस्‍तर में पेशाब कर रहा हो तो, ऐसे बच्‍चे को नियमित रूप से २ अखरोट और १० – १२ किशमिश खिलाने से बच्‍चे की पेशाब करने की आदत छूट जाएगी।


नैपकिन से रैशैज़ होने पर...


१ * हरी दूब को अच्‍छी तरह पीस कर लेप करने से बच्‍चे को नैपकिन रैशैज़ में राहत मिलती है।

२ * लहसुन की ८ – १० कलियों का रस निकालकर चार गुना पानी में मिलाकर रैशैज़ वाले स्‍थान पर लगाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।

३ * आप मक्‍खन में हल्‍दी मिलाकर बच्‍चे को लेप करें। रैशैज़ में राहत मिलेगी।

४ * तुलसी के पत्‍तों का रस निकालकर अथवा उसके पत्‍तों को पीसकर उसका लेप करने से नैपकिन रैशैज़ में आराम मिलता है।


यदि बच्‍चे को नींद में डर लगता हो तो...


१ * गर्मी के मौसम में छोटी इलायची का एक ग्राम अर्क सौंफ के उबले हुए पानी के साथ पिलाएं। इससे बच्‍चे की नींद में डरने की आदत खत्‍म हो जाएगी।

२ * सर्दी के मौसम में १ – २ ग्राम सौंफ पानी में उबालकर छान लें और इसे रात में सोने से पहले बच्‍चे को पिला दें। बच्‍चे को राहत मिलेगी।


बच्‍चे को खसरा हो जाने पर


१ * ब्राम्‍ही के रस में शहद मिलाकर पिलाने से बच्‍चे को आराम मिलता है।

२ * एक लीटर पानी को उबालें फिर जब ढाई सौ मिली. लीटर पानी शेष रह जाए तो इसे उतार कर ठंडा कर लें। फिर बच्‍चे को थोड़ा थोड़ा पिलाएं। इससे खसरे में बच्‍चे को बार बार लगने वाली प्‍यास से राहत मिलेगी।

३ * खसरे के दानों को नीम और गूलर की छाल का क्‍वाथ बनाकर साफ करें और फिर उन पर नीम का तेल लगाएं। काफी फाएदा होगा।

४ * खसरे के दानों में खुजली होने और जलन होने पर चंदन को पत्‍थर पर घिसकर लेप लगाएं।

५ * खसरा होने की वजह से यदि शरीर में खुजली या जलन हो रही हो तो सूखे आंवले को पानी में उबालकर उसे ठंडा कर लें और फिर उसमें कपड़ा भिगोकर शरीर में फेरें। बच्‍चे को बहुत आराम मिलेगा।

६ * आंवले को पीसकर उसका लेप लगाने से भी बहुत लाभ होता है।

७ * १०० ग्राम नारियल के तेल में २० ग्राम कपूर मिलाकर शरीर पर ३ – ४ बार लगाएं। इससे खसरे में राहत मिलती है।

८ * आप खस, गिलोय, धनिया, आंवला और नागरमोथा सबको मिलाकर पाउडर तैयार करें। एक टेबलस्‍पून पाउडर को दो ग्‍लास पानी में उबालें। फिर जब एक ग्‍लास पानी बचे तो इसे उतार लें और बच्‍चे को आधा आधा चम्‍मच थोड़ी थोड़ी देर में पिलाएं। बच्‍चे को बहुत राहत मिलेगी।


यदि बच्‍चे को बुखार आ रहा हो तो...


१ * बुखार में सिरदर्द हो तो गर्म पानी या दूध में सोंठ का पाउडर मिलाकर सिर पर लेप करें या फिर जायफल पीसकर लगाएं।

२ * काली मिर्च के १२५ मि.ग्रा. पाउडर में तुलसी का रस और शहद मिलाकर बच्‍चे को दिन में तीन बार दें। बच्‍चे को काफी आराम मिलेगा।

३ * बुखार में पसीना अधिक आ रहा हो और हाथ पैरों में ठंड लग रही हो तो सोंठ पाउडर को हल्‍के हाथों से लगाएं। इससे काफी आराम मिलेगा।

४ * बुखार तेज हो तो प्‍याज को बारीक काटकर पेट और सिर पर रखें। बुखार कम होने लगेगा।

(बुखार की दशा में अंग्रेजी इलाज के लिए जल्‍दी से जल्‍दी बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं। अंग्रेजी चिकित्‍सा पद्धिति में बेहतर इलाज मौजूद है)


यदि बच्‍चा तुतलाता हो तो...


१ * बच्‍चा दो – तीन साल का होने पर भी तुतलाए तो आप ब्राम्‍ही के हरे पत्‍ते (यदि बच्‍चा खा सके तो) खिलाएं। इससे क जुबान (जीभ) का मोटापन व कड़ापन दूर होगा और वह साफ बोलने लगेगा।

२ * बड़े बच्‍चों को रोजाना सुबह आंवला चबाने को दें और रात को सोते समय एक टीस्‍पून आंवला पाउडर कुनकुने पानी के साथ दें। तुतलाहट में लाभ होगा।


(समाप्‍त)

Wednesday, March 11, 2015

स्‍तनों का घरेलू उपचार, अविकसित स्‍तन, स्‍तनों में सूजन, अतिस्‍थूल स्‍तन, थनैला तथा स्‍तन कैंसर आदि।


स्‍तनों का घरेलू उपचार


स्‍तनों को किसी भी स्‍त्री की सुंदरता का सबसे बड़ा पैमाना माना जाता है। यदि स्‍तन स्‍वस्‍थ और पूरी तरह विकसित हैं, तो यह मान लिया जाता है कि स्‍त्री सुंदर है। किसी भी स्‍त्री के चेहरे के बाद उसके स्‍तन ही सौंदर्य का गुणगान करते हैं। स्‍तन स्‍त्री को सौंदर्य की मूरत तो बनाते हैं पर यदि स्‍तनों में कोई रोग है, तो यह बड़ी परेशानी का सबब भी बनते हैं। स्‍तनों के विकार स्‍त्री के
आत्‍मविश्‍वास को पूरी तरह चकनाचूर करके रख देते हैं। स्‍तनों की छोटी मोटी बीमारियों से लेकर स्‍तन कैंसर जैसी भयानक और जानलेवा बीमारियां हैं। जैसे अविकसित स्‍तन, स्‍तनों में सूजन, अतिस्‍थूल स्‍तन, थनैला तथा स्‍तन कैंसर आदि। यदि कोई महिला इन समस्‍याओं से ग्रस्‍त है तो वह नीचे बताए गए उपायों को अजमा कर खुद ही उपचार कर सकती है। पर इन उपचारों के संदर्भ में किसी रजिस्‍टर्ड वैध अथवा डॉक्‍टर से सलाह जरूर ले लें।


स्‍तन कैंसर का घरेलू उपचार


१ * एक ग्‍लास पानी में हर्बल ग्रीन टी को आधा होने तक उबालें और फिर उसे पीएं। यह फाएदेमंद होती है।

२ * रोज अंगूर या अनार का जूस पीने से स्‍तन कैंसर से बचा जा सकता है।

३ * सोंठ, नमक, मूली, सरसों, शमी और सहिजन के बीज को बराबर मात्रा में लेकर खटटे छाछ में पीसकर स्‍तनों पर लेप करें। एक घंटे बाद नमक की पोटली से दस – पन्‍द्रह मिनट तक सिंकाई करें। आराम मिलेगा।

४ * रोज लहसुन का सेवन करने से स्‍तन कैंसर की संभावना को रोका जा सकता है।

५ * पोई के पत्‍तों को पीसकर पिण्‍ड बनाकर लेप करने तथा पत्‍तों द्धारा अच्‍छी तरह ढंककर पटटी बांधने से शुरूआती अवस्‍था का कैंसर ठीक हो जाता है।


स्‍तनों की सूजन


१ * गेंदे की पत्तियों को कपड़े में लपेट कर बांध लें। फिर इसके ऊपर गीली मिटटी का लेप लगा दें। फिर कपड़े की इस पोटली को उस आग की भटटी में रखें जो ठंडी होने वाली हो। फिर जब पोटली के ऊपर की मिटटी लाल हो जाए, तब उसे बाहर निकालें और पत्तियों को अलग कर लें। इसके बाद इन्‍हीं पत्तियों को स्‍तनों पर बांधें।

२ * धतूरे की पत्‍ते और हल्‍दी को पीसकर स्‍तनों पर लेप करने से स्‍तनों की सूजन में आराम मिलता है।

३ * अजवायन का तेल को गुनगुना करके २ – ३ बार स्‍तनों की मालिश करें और फिर अरंड का पत्‍ता बांध दें। सूजन में आराम मिलेगा।

४ * स्‍तनों में यदि सूजन के साथ साथ दर्द भी हो तो इंद्रायण की जड़ को पीसकर लेप बना लें और फिर इसे गर्म करके स्‍तनों पर लेप करने से दर्द कम होता है और सूजन भी कम हो जाती है।

५ * धृतकुमारी यानि ऐलोवेरा के गूदे में हल्‍दी मिलाकर थोड़ा सा गर्म करके लेप करने से सूजन कम हो जाती है।


अविकसित स्‍तन तथा छोटे स्‍तनों को बड़े करने के उपाय


१ * यदि स्‍तन अविकसित तथा छोटे हैं तो बादाम के तेल की नियमित मालिश करने से स्‍तन विकसित व पुष्‍ट हो जाते हैं।

२ * अश्‍वगंधा और शताबरी को बराबर मात्रा में लेकर चूर्णं बनाएं और फिर एक – एक चम्‍मच चूर्णं सुबह शाम दूध के साथ ४५ से ६० दिनों तक खाएं। आपकी चिंता का समाधान होगा।

३ * महानारायण तेल की मसाज से भी अविकसित स्‍तन आकर्षक हो जाते हैं।

४ * पीपरी का चूर्णं २० ग्राम, काली मिर्च का चूर्ण २० ग्राम, अश्‍वगंधा का चूर्णं १५० ग्राम, सोंठ का चूर्णं ७५ ग्राम, लेकर शुद्ध घी में भून लें और फिर आधा किलो पुराने गुड़ की चाशनी बनाकर भूने गए चूर्णं को चाशनी में मिलाकर रख लें। इसे रोज २० – २५ ग्राम मात्रा में रोज गुनगुने दूध के साथ खाने से स्‍तन आकर्षक और पुष्‍ट होते हैं।

५ * खाने में फल, दालें, ताज़ा सब्जियां, काजू, दूध, दही, घी, अंडे, कच्‍चा नारियल व नींबू आदि का सेवन जरूर करें। यह स्‍तनों का अच्‍छी तरह पोषण करते हैं।


अतिस्‍थूल स्‍तन (बड़े तथा लटके हुए स्‍तन)


१ * यदि स्‍तन स्‍थूल हैं तो सबसे पहले आप वसा युक्‍त भोजन खाना बंद कर दें। जैसे कि दूध, घी, मलाई, मक्‍खन तथा मिठाईं आदि। यदि मांसाहारी हैं तो मांस से परहेज करें।

२ * काली गाय के दूध में सफेद मोथा पीसकर लेप करने से स्‍तनों के ढीलेपन में कमी आती है और स्‍तन कठोर होते हैं।

३ * महानारायण तेल स्‍तनों पर लगाकर उंगलियों से दबाकर नीचे से ऊपर की ओर मालिश करें। मालिश के बाद गुनगुने पानी की धार स्‍तनों पर डालें १० मिनट गुनगुने पानी की धार डालने से स्‍तनों की चर्बी घटेगी और सौंदर्य वापस लौट आएगा।


स्‍तनों का थनैला रोग


१ * नींबू के रस में शहद मिलाकर स्‍त्‍नों पर लेप करने से थनैला में बहुत लाभ होता है।

२ * मोगरे के फूलों को पीस कर स्‍तनों पर लेप करके बांध दें। सुबह शाम इस प्रक्रिया को करने से थनैला रोग दो – तीन दिन में ही ठीक हो जाता है।

३ * अरहर की दाल (तुअर दाल) आम की गुठली और जौ को पानी में एक साथ पीसकर दिन में तीन – चार बार लेप करने से बहुत आराम मिलता है।

४ * गेंहू, जौ और मूंग का बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ गर्म करके तकलीफ वाले स्‍थान पर लगाने से आराम मिलता है।

५ * सहिजन की छाल को महीन पीसकर उसका गर्म लेप करने से थनैला बिना पके ही बैठने लगता है।

६ * दस ग्राम काली मिर्च और ५ ग्राम दालचीनी पीसकर इसकी एक खुराक बनाएं। दिन में तीन बार तीन खुराकें २० ग्राम शहद में मिलाकर खाएं। थनैला का उपचार हो गया।

७ * १२५ ग्राम नीम के पत्‍तों को लेकर एक लीटर पानी में उबालें। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो उतारकर कपड़े से छानकर थनैला को धोएं। आराम मिलेगा।

८ * हरा धनिए की पत्तियों को पीसकर हल्‍का गर्म करके लेप करें। बहुत आराम मिलेगा।

९ * हल्‍दी और धतूरे के पत्‍ते समान मात्रा में लेकर पीस लें। फिर गर्म करके थनैला पर लेप करें। आराम मिलेगा।



(सभी चित्र गूगल सर्च से साभार)   

Wednesday, March 4, 2015

पुरूषों की सेक्‍स संबंधी समस्‍याएं और उनका उपचार। मर्दानगी वापस कैसे पाएं।


पुरूषों की सेक्‍स संबंधी समस्‍याएं और उनका उपचार


पुरूषों की अनेक ऐसी अनेक व्‍यक्तिगत बीमारियां हैं। जो उन्‍हें बुरी तरह प्रभावित करती हैं। पुरूषों की सेक्‍स संबंधी समस्‍याएं स्‍वास्‍थ को खराब तो करती ही हैं, साथ ही उनके दांपत्‍य जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। अपनी तमाम सेक्‍स समस्‍याओं के चलते पुरूष अत्‍याधिक कमजोरी महसूस करने लगते हैं और मानसिक अवसाद की चपेट में आ जाते हैं। वह झोला छाप डॉक्‍टरों के चक्‍कर में
भी फंस जाते हैं और धन के साथ साथ अपना सब कुछ लुटा बैठते हैं। पुरूषों की यौन समस्‍याओं का इलाज आयुर्वेद तथा घरेलू चिकित्‍सा पद्धति में मौजूद है। नीचे दी गई कुछ बीमारियों और उनके उपचार को पढ़कर लाभ उठाया जा सकता है। आप इन पर अमल करने से पहले रजिस्‍टर्ड वैध अथवा डॉक्‍टर से परामर्श जरूर ले लें। वैसे यह पूरी तरह सुरक्षित घरेलू उपचार हैं।


यदि शीघ्रपतन हो रहा हो तो....


१ * इलायची दाना, बादाम, जावित्री, गाय का मक्‍खन और शक्‍कर सभी को बराबर मात्रा में मिलाकर रोज सुबह खाने से धातु पुष्‍ट होती है। इससे शीघ्रपतन दूर हो जाता है। कहने का मतलब यह धातु पतली होगी तो जल्‍दी बह जाती है और गाढ़ी व स्‍वस्‍थ होगी, तो अधिक देर तक ठहरेगी।

२ * १० ग्राम सेमल की छाल दूध में पीसकर उसमे मिश्री मिलाकर रोज सुबह खाने से धातु पुष्‍ट होती है तथा वीर्य में गाढ़ापन आता है और वीर्य में वृद्धि भी होती है।

३ * दो ग्राम दालचीनी पाउडर सुबह शाम दूध में मिलाकर पीने से वीर्य में गाढ़ापन आता है, इससे शीर्घ पतन दूर हो जाता है।


सेक्‍स (यौन) शक्ति बढ़ाने के उपाय


१ * रोज सुबह सवेरे नाश्‍ते में एक ग्‍लास टमाटर के रस में एक दो चम्‍मच शहद मिलाकर पीने से ताकत बढ़ती है।

२ * सेक्‍स शक्ति बढ़ाने के लिए रोजाना सौ ग्राम छुहारे दूध के साथ खाएं।

३ * दस-पन्‍द्रह मुनक्‍कों को पानी में धो कर दूध में उबालें। इससे वह फूल कर मीठे हो जाएंगे। आप इन्‍हें खाकर ऊपर से वही दूध पी लें। सेक्‍स शक्ति में इजाफा होगा।

४ * लहसुन को सेक्‍स शक्ति बढ़ाने और सेक्‍स संबंधी कमजोरी दूर करने के लिए बहुत अच्‍छा माना जाता है। लहसुन की दो-तीन कलियां कच्‍ची ही खाने से सेक्‍स क्षमता बढ़ती है।

५ * कूटे हुए छुहारे, पिस्‍ता, बादाम व बेल फल के बीज को समान मात्रा में मिलाकर खाने से पुरूषों की यौन क्षमता बढ़ती है।

६ * सर्दी का मौसम हो तो सुबह दो-तीन खजूर घी में भूनकर नियमित रूप से खाने से भी ताकत में इजाफा होता है।

७ * प्‍याज का रस सेक्‍स शक्ति बढ़ाने का कारगर उपाय है। विशेषकर सफेद प्‍याज (जोकि आमतौर पर बाजार में मिलती नहीं है। इसलिए जब भी आपको बाजार में सफेद प्‍याज दिखाई दे, तो तुरंत खरीद लें)। आप रोज प्‍याज का रस पी‍एं। रस पीना रोज संभव न हो तो कच्‍ची प्‍याज सलाद में अधिक अधिक मात्रा में खाएं। सेक्‍स शक्ति को बल मिलेगा।

८ * एक ग्राम जायफल का चूर्णं सुबह ताजे पानी के साथ लेने से सेक्‍स क्षमता में बढ़ोत्‍तरी होती है।

९ * यदि सेक्‍स करने की इच्‍छा में कमी आई है, तो आप १५० ग्राम गाजर को काटकर हाफ बॉयल्‍ड अंडा और एक चम्‍मच शहद मिलाकर दो ढाई माह तक दिन में एक बार खाएं। सेक्‍स के प्रति अरूचि दूर हो जाएगी।

१० * छह मिलीग्राम प्‍याज का रस, ढाई चम्‍मच शहद, ३ ग्राम घी एक साथ मिलाकर रोज शक्‍कर मिला दूध पिएं। यह नुस्‍खा दो तीन माह तक इस्‍तेमाल करने से वीर्य में वृद्धि होती है और वीर्य गाढ़ा हो जाता है। वीर्य यदि गाढ़ा हो गया तो ठहराव भी ज्‍यादा देर तक होगा और आप संतुष्‍ट हो पाएंगें।

११ * १५ ग्राम सफेद मूसली की जड़ को एक कप दूध में उबालकर दिन में दो बार पिएं। इसके रोजाना सेवन से शीघ्रपतन से छुटकारा मिलता है साथ ही नपुसंकता भी दूर हो जाती है।

१२ * बरसात के दिनों में रोज दो तीन बार जामुन खाने से भी बहुत लाभ होता है।

१३ * दो सौ मिलीग्राम गाय के दूध में एक चम्‍मच शहद मिलाकर पीने से वीर्य की कमी दूर हो जाती है।


धातु दुर्बलता दूर करने के उपाय


१ * बीस मिलीग्राम ताजे आंवले का रस लें और उसमें शहद मिलाकर पीने से धातु पुष्‍ट होती है।

२ * रोज सुबह दो-तीन खजूर को घी में भूनकर खाइए और ऊपर से इलायची, चीनी और कौंच डालकर उबाला गया दूध पिएं। इससे धातु दुर्बलता दूर होती है।

३ * इलायची दाना, बादाम, जावित्री का चूर्णं, शक्‍कर व गाय का मक्‍खन एक साथ मिलाकर खाने से धातु पुष्‍ट होती है

४ * अमलतास की छाल का महीन चूर्णं दो ग्राम की मात्रा में लेकर उसमें ४ ग्राम शक्‍कर मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह शाम लेने से बहुत फाएदा होता है।


धातुस्राव होने पर इन उपायों को अजमाएं


१ * आप तुलसी की जड़ सुखाकर उसका चूर्णं बना लें। फिर यह चूर्णं एक ग्राम मात्रा में, एक ग्राम अश्‍वगंधा के चूर्णं में मिलाकर खाएं और ऊपर से दूध पी जाएं, आपको बहुत लाभ होगा।

२ * बीस ग्राम उड़द की दाल का आटा लेकर उसे गाय के दूध में उबालें। फिर इसमें थोड़ा सा घी मिलाकर कुनकुना ही पी जाएं। इसका रोज सेवन करने से पेशाब की नली से धातु स्राव पूरी तरह बंद हो जाएगा। (उड़द की दाल सेक्‍स पावर बढ़ाने और उसकी समस्‍याओं को दूर करने में बहुत सहायक होती है)

३ * ५० ग्राम इलायची, १५-२० तुलसी के पत्‍ते व दस ग्राम मिश्री का क्‍वाथ बनाकर पीने से बहुत लाभ होता है।

४ * इलायची दाने और सेंकी हुई हींग का लगभग तीन रत्‍ती चूर्णं घी और दूध के साथ पीने से पेशाब में धातु का स्राव बंद हो जाता है।

५ * कड़वे कुंदरू की जड़ का क्‍वाथ बनाकर २०-२५ दिन तक सेवन करने से धातु स्राव बंद हो जाता है, साथ ही मर्दानगी भी बढ़ती है।


नपुसंकता दूर कर मर्दांगनी वापस पाने के उपाय


१ * तिल और गोखरू दूध में उबालकर पीने से बहुत लाभ होता है।

२ * दो सौ ग्राम लहसुन पीसकर उसमें ६०० ग्राम शहद मिलाकर एक साफ जार में भर कर अच्‍छी तरह ढक्‍कन बंद करके गेहूं की बोरी में रख दें। फिर तीस दिन बाद उसे बोरी से बाहर निकालें और 
१० ग्राम की मात्रा में चालीस पचास दिनों तक रोज सेवन करने से नपुसंकता दूर होती है और खोयी हुई मर्दांगनी वापस आ जाती है।

३ * पन्‍द्रह ग्राम तुलसी के बीज और ३० ग्राम सफेद मूसली का पाउडर तैयार करें। फिर इसमें ६० ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और बोतल में भरकर रखें। इस पाउडर को ५ ग्राम रोज सुबह शाम दूध के साथ पिएं।

४ * बेल की १०-१५ पत्तियां, २ बादाम गिरी और डेढ़ सौ ग्राम चीनी। इन तीनों को पीसकर उसमें पानी डालकर धीमी आंच पर पकाएं और एक चौथाई पानी रह जाने पर उतार लें और ठंडा करके पिएं।

५ * २० मिलीग्राम सफेद प्‍याज़ का रस, १० ग्राम शहद और ३ मिलीग्राम अदरक का रस व २ ग्राम घी लेकर सभी चीजों को एक साथ मिलाकर २० - २५ दिनों तक लेने से नपुसंकता दूर होती है।

६ * नारियल के चूरे को बरगद के दूध की ५ – ६ बूंद मिलाएं, फिर इस मिश्रण में ३ टी-स्‍पून शहद मिलाकर सेवन करें। इससे मर्दांनगी बढ़ेगी।

७ * जंगली पालक के १०० ग्राम बीज का पाउडर बना लें। फिर लगभग ढाई ग्राम पाउडर दिन में तीन बार एक कप दूध के साथ लें। लगभग डेढ़ महीने तक सादा खाना खाएं। आपको बहुत आराम मिलेगा।


(सभी चित्र गूगल सर्च से साभार)