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Saturday, January 10, 2015

पेट के रोग


पेट के रोग

पेट की बीमारी सौ बीमारियों का कारण बनती है। कहते हैं न कि यदि आपका पेट ठीक है तो सब कुछ ठीक है। पेट की अनेक बीमारियां हैं। जिनके इलाज भी अलग – अलग हैं। ऐसी ही कुछ बीमारियों व उनके इलाज नीचे दिए जा रहे हैं। जिन्‍हें पढ़ कर आप लाभ उठा सकते हैं।


कब्‍ज

१ – खाली पेट एक ग्‍लास पानी में एक नींबू का रस व एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर कुछ दिन सेवन करें। इससे पुराने से पुराना कब्‍ज भी दूर हो जाएगा।

२ – सुबह उठ कर खाली पेट २ सेब खाने से भी कब्‍ज की शिकायत दूर हो जाती है।

३ – रात को सोने से पहले एक चम्‍मच शहद, एक ग्‍लास ताजे पानी में मिलाकर पिएं। आपको कब्‍ज नहीं होगा।

४ – सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ ३ ग्राम सौंफ का चूर्ण लेने से कब्‍ज में फाएदा होता है।

५ – २ बड़े पीले संतरों का रस सुबह नाश्‍ते से पहले पिएं आपको लाभ होगा।

६ – हरड़ का चूर्ण रात को फांक कर पिएं, इससे सुबह उठते ही पेट साफ हो जाएगा।

७ – सुबह उठ कर बिना कुछ खाए ४ – ५ मुनक्‍का खाने से भी कब्‍ज दूर होता है।


यदि दस्‍त आएं तो....


१ – कच्‍चे केले को उबाल कर छील लें। फिर एक बर्तन में थोड़ा सा घी गर्म करें और २ – ३ लौंग की छौंक देकर उसमें केले डालें। इसके बाद धनिया, हल्‍दी, सेंधा नमक मिले हुए दही को इसमें डाल दें। फिर थोड़ा पानी डाल कर पकाएं। इस मिश्रण को दस्‍तों में खाने से बहुत लाभ होता है।

२ – चुटकी भर सोंठ एक चम्‍मच शहद के साथ लेने से दस्‍तों में आराम मिलता है।

३ – सुखाए हुए संतरों के छिलके और मुनक्‍के के सूखे बीज समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएं और इस मिश्रण को पीने से दस्‍त बंद हो जाते हैं।

४ – गर्मी के कारण दस्‍त हो रहे हों तो आठ – दस सिंघाड़े खा कर मटठा पिएं। इससे आराम होगा।

५ – खूनी दस्‍त होने पर गाय के दूध का मक्‍खन १० ग्राम खाकर ऊपर से छाछ पीनी चाहिए।

६ – सौंफ और जीरे को बराबर मात्रा में लेकर भून कर पीस लें। आधा आधा चम्‍मच चूर्णं पानी के साथ लेने से दस्‍त में फाएदा होता है।


डिसेंट्री की दशा में...


१ – पके नींबू को गर्म करके उसका रस निकाल कर इसमें सेंधा नमक व शक्‍कर मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

२ – दो – चार ग्राम सोंठ का चूर्णं गर्म पानी के साथ लें या‍ फिर सोंठ का क्‍वाथ बनाकर उसमे एक चम्‍मच अरंड का तेल डाल कर पीने से आराम मिलता है।

३ – २ ग्राम मेथी का चूर्ण दही के साथ मिला कर दिन में तीन चार बार लेने से बहुत आराम मिलता है।

४ – सुखाए हुए संतरों के छिलके और सूखे मुनक्‍के के बीज बराबर मात्रा में घोंट कर पीने से तीन चार दिन में ही डिसेंट्री यानि पेचिश में आराम मिल जाता है।

५ – दो टेबलस्‍पून धनिया उबालकर सेवन करने से डिसेंट्री में आराम मिलता है।

६ – गाय का दूध और पानी बराबर मात्रा में लेकर उबालें। जब पानी जल जाए और दूध बच जाए तो उसे उतार कर कुनकुना ही पिएं। इसे दिन में तीन चार बार पीने से पेचिश ठीक हो जाएगी।

७ – ताजे छाछ में बेल का गूदा मिला कर पीने से खूनी पेचिश में आराम मिलता है।


पेट दर्द होने पर


१ – मेथी का चूर्णं दही में मिला कर खाने से पेट की मरोड़ का शमन होता है। आप मेथी की सब्‍जी के रस में काले अंगूर मिला कर पीने से भी मरोड़ दूर हो जाती है।

२ – हींग और काला नमक डाल कर गर्म किया हुआ तेल पेट पर लगाने से आराम मिलता है।

३ – एक ग्राम सेंधा नमक और २ ग्राम अजमोद का चूर्णं खाने से पेटदर्द ठीक हो जाता है।

४ – ३ ग्राम इमली की कोमल पत्तियों को सिल पर पीस कर उसमें १ ग्राम सेंधा नमक मिला कर पीने से पेट दर्द में राहत मिलती है।

५ – मूली के रस में नींबू का रस मिला कर पीने से भोजन के बाद पेट में होने वाले दर्द या गैस में राहत मिलती है।

६ – २ – २ ग्राम जामुन और आम की गुठलियों का चूर्णं छाछ के साथ दिन में दो – तीन बार लेने से पेटदर्द दूर हो जाता है।


यदि जी मिचलाए


१ – ५० ग्राम चावल को एक ग्‍लास पानी में एक घंटे तक भिगोकर रखिए। उसके बाद पानी को निथार कर पी लीजिए आपको आराम मिलेगा।

२ – नींबू को काट कर उसकी फांको पर शक्‍कर छिड़क कर चूसने से मिचली से छुटकारा मिलता है।

३ – इलायची के दानों का एक से दो ग्राम चूर्णं या फिर इलायची के तेल की ४ – ५ बूंदे अनार के रस में मिलाकर पीने से मिचली में आराम मिलता है।

४ – जायफल को चावल के धोवन में घिस कर पीने से जी मिचलाने की बीमारी में लाभ होता है।


अपच की दशा में


१ – मुनक्‍का, नमक व काली मिर्च सबको मिलाकर गर्म करके खाने से भूख बढ़ती है।

२ – कब्‍ज के कारण अपच की शिकायत हो, तो २ चम्‍मच ईसबगोल लेकर पानी में मिला कर पिएं।

३ – केवल गर्म पानी ३ – ३ घंटे पर पीने से अपच में राहत मिलती है।

४ – २ लौंग, २ काली मिर्च, आधा चम्‍मच धनिया, आधा चम्‍मच जीरा, चुटकी भर नमक व हल्‍दी मिला कर ४ कप पानी में डाल कर उबालें। २ कप बचने पर उस काढ़े को आधे कप की मात्रा में दिन में चार बार पीएं।

५ – अनार दाने का चूर्णं आधा टेबलस्‍पून दिन में तीन चार बार खाने से भी अपच दूर होती है।


यदि पेट में भारीपन हो तो...


१ – बैंगन को अंगारों पर सेंक कर उसमें सज्‍जीखार मिलाकर पेट पर बांधने से पेट के भारीपन में आराम मिलता है।

२ – द्राक्ष और सौंफ २० – २० ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उसे मसल कर और छान कर तथा उसमें एक तोला शक्‍कर मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से पेट का भारीपन ठीक हो जाता है।


उल्‍टी आने पर


१ – अदरक के दस ग्राम रस और इतनी मात्रा में प्‍याज का रस मिला कर पीने से उल्‍टी आना बंद हो जाती हैं।

२ – शहद में तुलसी के रस को मिला कर एक चम्‍मच पीने से भी उल्‍टी कंट्रोल हो जाएगी।

३ – अजवायन तथा लौंग के फूलों को थोड़े पानी में पीस कर शहद के साथ चाटने से उल्टियां बंद हो जाती हैं।

४ – ६ ग्राम पुदीना, २ ग्राम सेंधा नमक पीस कर शीतल जल में घोल कर पीने से वमन में बहुत लाभ होता है।

५ – एक नींबू का रस और एक चम्‍मच चीनी को २ चम्‍मच पानी में मिलाकर एक – एक घंटे में पीने से उल्‍टी रूक जाएगी।

६ – नारंगी के छिलकों को सुखा कर पीस कर शहद के साथ चाटने से उल्‍टी बंद हो जाती हैं।

७ – बिजौरा नींबू को बीच से काट कर उस पर काली मिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक डाल कर चूसने से उल्टियां बंद हो जाती हैं।


अफारा उठने पर क्‍या करें...


१ – एक ग्‍लास गर्म दूध में २ चम्‍मच अरंडी का तेल डाल कर पीएं आपको आराम मिलेगा।

२ – लहसुन और अदरक के रस को मिलाकर कुनकुने पानी के साथ पीजिए, पेट का अफारा जल्‍दी ही शांत हो जाएगा।

३ – पिसी हुई हल्‍दी और नमक कुनकुने पानी से लें। आपको फौरन लाभ होगा।

४ – पानी में खाने का सोडा, नींबू और नमक मिलाकर पीएं। अफारा शांत होगा।


एसिडिटी व गैस होने पर


१ – एक चम्‍मच अजवायन में एक चौथाई चम्‍मच नींबू का रस मिलाकर चाटें। आपकी गैस जल्‍दी ही शांत हो जाएगी।

२ – सुबह २ केले खाकर एक कप दूध पीने से कुछ ही समय में एसिडिटी से राहत मिलती है।

३ –पेट में गैस होने पर शुद्ध हींग पीस कर उसे रूई के फाहे पर रखकर नाभि पर रखें। इससे गैस बाहर निकल जाएगी व दर्द में भी आराम मिलेगा।

४ – चोकर सहित आटे की रोटी खाने से भी लाभ होता है।

५ – एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए अदरक के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक और भुना हुआ जीरा डाल कर सेवन करें और ऊपर से आधा ग्‍लास छाछ पिएं। आपको आराम मिलेगा।

६ – खाना खाने के बाद दूध का साथ २ बड़े चम्‍मच ईसबगोल लेने से एसिडिटी में लाभ होता है।

७ – संतरे के रस में थोड़ा सा भुना जीरा और पिसा हुआ सेंधा नमक मिलाकर पीने से गैस में आराम मिलता है।

८ – दिन ३ – ४ बार अदरक के रस में पुदीने का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से भी बहुत लाभ होता है।

९ – अदरक का रस और शहद बराबर मात्रा में लेने से गैस में लाभ होता है।


पेट में कीड़े


१ – पीपल के पंचांग के चूर्णं में गुड़ मिलाएं और सौंफ के अर्क के साथ सुबह शाम ५ – ५ ग्राम मात्रा में लें। तीन चार दिनों में ही कीड़े खत्‍म हो जाएंगें।

२ – सहिजन का क्वाथ शहद में मिलाकर दिन में २ – ३ बार पीने से सूक्ष्‍म से सूक्ष्‍म कीड़े भी निकल जाते हैं।

३ – सोंठ और बायबिडंग के चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े खत्‍म हो जाते हैं।

४ – मूली के रस में थोड़ा नमक मिलाकर सुबह शाम दिन में दो बार पीने से सारे कीड़े मल के साथ बाहर निकल जाएंगें।


पेट में जलन होने पर


१ – अजवायन को तवे पर भून कर उसके बराबर में सेंधा नमक मिला कर चूर्णं बना लें। ३ ग्राम की मात्रा में यह चूर्णं गर्म पानी के साथ लेने से पेट की जलन शांत हो जाती है।

२ – धनिया और जीरा १० – १० ग्राम लेकर कूट लीजिए। फिर २५० मिली. पानी में रात भर भिगोकर रख दें। सुबह उसे मसल कर व छान कर तथा उसमें शक्‍कर डाल कर कुछ दिन पीने से जलन शांत हो जाती है।

३ – अजवायन और नमक पीस कर उसको थोड़ा फांक लेने पर भी जलन शांत होती है।

४ – धनिया और शक्‍कर का शर्बत बना कर पीने से जलन दूर हो जाती है।


पेट में मरोड़ हो तो....


१ – गाय का दूध और पानी बराबर मात्रा में लेकर उबालिए। जब पानी जल जाए और केवल दूध रह जाए, तो उसे उतार कर थोड़ा ठंडा करके पीने से पेट की मरोड़ में लाभ होता है।

२ – मेथी की भाजी के रस में काली द्राक्ष मिलाकर पीने से मरोड़ का नाश होता है।

३ – ताजे छाछ में बेल का गूदा मिलाकर पीने से मरोड़ में लाभ होता है।

४ – मेथी का चूर्णं दही में मिलाकर खाने से पेट की मरोड़ ठीक होती है।


स्‍टोन


हालांकि यह किडनी से सबंधित बीमारी है। पर इसे भी पेट की बीमारी के तौर पर ही जाना जाता है। इसलिए मैंने भी इसे पेट के रोगों में ही शामिल किया है। नीचे तरीके बताए गए हैं जिनसे स्‍टोन पड़ जाने पर लाभ उठाया जा सकता है।


१ – खीरा, गाजर और जामुन का रस पथरी में बहुत लाभदायक होता है।

२ – आम के ताजे पत्‍ते छाया में सुखाकर बारीक पीस लें व रोजाना बासी पानी के साथ सुबह खाएं। पथरी में आराम मिलेगा।

३ – सेब का रस पीते रहने से स्‍टोन बनना बंद हो जाता है। और पहले से मौजूद स्‍टोन यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है।

४ – ३ – ४ बादाम चबा – चबा कर खाने से एक महीने में ही पथरी में आराम मिलता है।

५ – नारियल का पानी नियमित रूप से पीने से पथरी के दर्द में लाभ होता है।

६ – आंवले का चूर्णं मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है।

७ – प्‍याज के रस में शक्‍कर डाल कर शर्बत बनाकर दस – बारह दिनों तक पिएं। स्‍टोन कट कर बाहर निकल जाएगा।

८ – ३० मिली. चुकन्‍दर का रस दिन में ४ – ५ बार पीने से स्‍टोन आसानी से गल जाता है।

९ - चौलाई की सब्‍जी रोजाना खाने से पथरी गल कर निकल जाती है।

१० – करेले का रस छाछ के साथ नियमित रूप से पीने से हर प्रकार की पथरी में आराम मिलता है।

११ – गुर्दे की पथरी से राहत पाने के लिए काजू को दूध के साथ पीस कर दिन में तीन – चार पिएं आपको आराम मिलेगा।



1 comment:

  1. आदरणीय कहकशां दीदी आपने मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी लिखी इसके लिए आपका आभारी हूँ। आपका ब्लॉग देखा अतिउत्तम जानकारी है। धन्यवाद। अगर प्रत्येक पोस्ट पर पोस्ट से सम्बंधित एक चित्र लगा दें तो अति सुन्दर हो जायेगा।

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